पीलीभीत. उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उनके समर्थकों में शोक की लहर है. इंदिरा हृदयेश का यूपी के पीलीभीत जिले से बचपन का नाता जुड़ा था. पूरनपुर तहसील के जमुनिया गांव की निवासी इंदिरा हृदयेश का असली नाम इंदिरा पाठक था. उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज में अपनी सहेली रागिनी सिंह व गीता के साथ बचपन बिताया.


अपनी सहेली इंदिरा के निधन के बाद रागिनी सिंह बेसुध हैं. वो उन्हें याद कर कभी भी रो पड़ती है. रागिनी सिंह बताती हैं कि इंदिरा ने कई बार मेरा तबादला रुकवाकर मेरे परिवार को संभाल कर मदद दी. मेरी सहेली के जाने का मुझे बहुत दुख है.


लगभग 80 वर्ष की रागिनी सिंह का कहना है कि मेरी बचपन की सहेली रही इंदिरा पढ़ने में काफी होशियार और अच्छे आचरण की थी. मेरे बुरे समय में मेरे साथ परिवार को संभाला. उन्होंने कहा कि मेरे पति की मृत्यु के बाद एक परिवार की तरह मुझे संभाला. जब मैं अपने ही राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त हुई तो उन्होंने पीलीभीत आकर मुझसे मुलाकात की.


6 से 12वीं तक पीलीभीत में की पढ़ाई.
इंदिरा के पिता का नाम टीकाराम और माता का नाम रमादेवी था. उनका परिवार गोपाल सिंह मोहल्ले में किराये के मकान में रहता था. उन्होंने पीलीभीत राजकीय बालिका इंटर कॉलेज से कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई की.


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