Corruption Case of Kanpur Police : कानपुर में कमिशनरेट पुलिस सिस्टम (Kanpur Police) लागू होने के बाद भी पुलिस के रवैये में कोई परिवर्तन नहीं आया है. पुलिस पहले की जैसे ही काम कर रही है, मुकदमे और एफआईआर से आरोपियों के नाम हटाने के एवज में पहले दरोगा और अन्य पुलिसकर्मी कैश (Cash) में लेनदेन किया करते थे, लेकिन अब इन लोगों ने नया तरीका ढूंढ निकला है. अब यह लोग आरटीजीएस या एनईएफटी (NEFT) के जरिये सीधे पैसा अपनी जेब की बजाए अकाउंट में ले रहे हैं.
यूपीआई के जरिये ली रकम
ताजा मामला पनकी थाना क्षेत्र का है, जहां पीड़ित सविता मिश्रा ने जांच अधिकारी छोटे सिंह पर आरोप लगते हुए उनके द्वारा लिखाए मुकदमे से आरोपियों के नाम और धाराएं हटाने के नाम पर हजारों रुपए अपने खाते में लिए. दरअसल सविता मिश्रा का विवाद उनके पति और उनके परिवार वालों से है, इसी के चलते सविता ने इसी साल मार्च में अपने पति और ससुराल वालों पर धारा 323, 504, 506, 380 मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमे की विवेचना उपनिरीक्षक छोटे सिंह कर रहा था. पीड़ित ने विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक छोटे सिंह पर आरोप लगते हुए कहा है कि, जांच के नाम पर आरोपियों के नाम हटाने और धाराएं कम कर मुकदमे को कमजोर करने के लिए मोटी रकम छोटे सिंह ने यूपीआई और आरटीजीएस के जरिए अपने खाते में लिए है. इस मामले की शिकायत सविता ने राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर से कर न्याय की गुहार लगाई है.
राज्य महिला आयोग ने दिया जांच के आदेश
राज्य महिला आयोग की सदस्य ने मामले का संज्ञान लेते हुए कमिश्नर को पत्र लिख कर मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं. उपनिरीक्षक छोटे सिंह ने जो भी पैसा अपने खाते में मंगवाया है, वह सब के सब ट्रांजेक्शन यूपीआई और आरटीजीएस के जरिये हुए है. इसका प्रमाण सविता मिश्रा ने राज्य महिला आयोग की सदस्य को लिखे पत्र के साथ दिए हैं. दिए गए प्रमाण के अनुसार यूपीआई के जरिए 36 हजार का ट्रांजेक्शन अगस्त के महीने में किया गया है. सविता ने बताया, इन दिए गए पैसों के अलावा कई बार आरटीजीएस के जरिए भी ट्रांजेक्शन किये गए है. वहीं, डीसीपी वेस्ट ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए एससीपी को जांच के आदेश दिए हैं. डीसीपी का कहना है कि, जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी दारोगा पर कार्रवाई की जाएगी.
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