लखनऊ, शैलेश अरोड़ा। कोरोना के इस संकटकाल में हम और आप सुरक्षित रहें इसके लिए बहुत से लोग मैदान में मोर्चा संभाले हुए हैं। ये वो कोरोना वारियर्स हैं, जो अपनी जान और परिवार से पहले आपका सोच रहे हैं। ऐसे ही कोरोना वारियर्स हैं वो डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्यकर्मी जो हर समय मैदान में डटे हैं। लेकिन ये इतना आसान नही। एबीपी गंगा की टीम ने इन डॉक्टर्स और उनके परिजनों से बात की। लखनऊ से संवाददाता शैलेश अरोड़ा की रिपोर्ट।


परिवार को इंतजार है डा. नरेंद्र का


केजीएमयू के डॉक्टर नरेंद्र कुमार 28 अप्रैल के बाद से अपने परिवार से नहीं मिले। पहले आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी फिर अब क्वारन्टीन। डॉक्टर नरेंद्र की पत्नी सीमा सिंह ने बताया कि एक शहर में रहकर भी मिल नहीं सकते। अजीब लगता है। साथ में सुबह की चाय पिये कई दिन हो गए। ढाई साल की बेटी शिव्या भी पापा को बहुत मिस करती है। वहीं सात साल के बेटे शिवा ने तो पापा और सभी कोरोना वारियर्स को डेडिकेट करते हुए कई पेंटिंग्स बना दी हैं।


पापा का इंतज़ार है कि कब वो आएंगे और उनको पेंटिंग दिखाए। सीमा खुद ड्रग इंस्पेक्टर हैं। फिलहाल वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं। लेकिन इतने छोटे 2 बच्चों साथ ये सब आसान नहीं। सीमा ने बताया कि कभी चिंता भी होती है। लेकिन उससे अधिक गर्व है अपने पति पर। डॉक्टर नरेंद्र 19 मई को अपना क्वारन्टीन पूरा कर घर वापस लौटेंगे। उनके वेलकम की घर पर स्पेशल तैयारी की जा रही है। डॉ. नरेंद्र ने बताया कि जब ड्यूटी लगी तो मन मे डर भी था और परिवार को लेकर चिंता भी। लेकिन फर्ज के आगे कुछ नहीं दिखा।


ड्यूटी के चलते पिता की बरसी में नही आ पाये


केजीएमयू के कोविड वार्ड में ड्यूटी के बाद इस समय डॉ. गौरव इस समय परिवार से दूर क्वारन्टीन में हैं। डॉक्टर गौरव के परिवार में उनकी मां, बहन और पत्नी तीनों ही डॉक्टर हैं। गौरव के पिता की पहली बरसी 5 मई को थी। परिवार चाहता था की गौरव इस मौके पर हवन पूजा में साथ हो। लेकिन ऐसा हो न सका। गौरव कहते हैं कि मुश्किल समय में इंसान के करैक्टर की पहचान होती है। आज वो गर्व से खुद को भारतीय कहते हैं।


हालांकि अजीब लगता है कि एक शहर में होकर परिवार से कई दिन से नहीं मिले। गौरव की पत्नी डॉक्टर स्वाति चावला ने बताया कि वो 21 अप्रैल को अंतिम बार मिलकर ड्यूटी पर गए थे। शुरू में 1 हफ्ता लग गया सभी को संभलने में। ऐसा मौका भी आया जब गौरव की चिंता में डॉ. स्वाति रो पड़ी। लेकिन फिर खुद को संभाला और कहा कि इसी काम मे लिए तो डॉक्टर बने हैं। वहीं गौरव की मां डॉक्टर लतिका विश्वास को भी अपने बेटे पर गर्व है। डॉक्टर गौरव 13 मई को वापस घर लौटेंगे जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार है।