रुड़की: दोनों हाथ गंवाने के बाद भी हरप्रीत सिंह ने नहीं हारी हिम्मत, यूं हटाए जिंदगी के रोड़े
रुड़की में रह रहे हरप्रीत सिंह एक हादसे का शिकार हो गए थे. इस हादसे में उन्होंने अपने दोनों हाथ गंवा दिए, लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
रुड़की. मन मे अगर कुछ करने की तमन्ना हो हर काटों भरी जिंदगी आसान हो जाती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है दिल्ली के हरप्रीत सिंह उर्फ गुड्डू ने. पिछले कुछ सालों से रुड़की में रह रहे हरप्रीत सिंह के दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से हर वो काम कर लेते हैं जो दो हाथ वाले लोग कर सकते हैं. हरप्रीत हजारों-लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं.
हादसे में गंवाए थे दोनों हाथ मूलरूप से दिल्ली के रहने वाले हरप्रीत करीब पांच साल पहले ही रुड़की के सुभाष नगर में आ गए थे, लेकिन एक हादसे में ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी. हरप्रीत रुड़की में एक केबल नेटवर्क में काम करते थे. 2018 के अक्टूबर में केबल का काम करते हुए वो बिजली के तार की चपेट में आ गए. 6 महीने अस्पताल में भर्ती रहने के बाद हरप्रीत को अपने दोनों हाथ गंवाने पड़े. दोनों हाथ कटने के बाद परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. आज वो खुद स्कूटी चलाकर लंच टिफिन सप्लाई करते हैं. इसके अलावा खुद ही अपने बच्चों को स्कूल भी छोड़ने जाते हैं.
पत्नी ने दिया साथ हरप्रीत को उनकी पत्नी का भरपूर साथ मिला. हरप्रीत सिंह की दो संतान हैं. एक बेटा और एक बेटी. दोनों पढ़ाई कर रहे हैं. हरप्रीत की पत्नी शिल्पी हाउस वाइफ है. वो घर पर रहकर लंच तैयार करती हैं. हरप्रीत लंच टिफन लेकर उन्हें सप्लाई करने का काम करते हैं. पत्नी शिल्पी का कहना है कि शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें आई थी, लेकिन अब कठिन राह आसान होती दिखाई पड़ रही है. उन्होने बताया कि पति हरप्रीत की हिम्मत कभी टूटने नहीं दी और आगे भी हमेशा हर काम मे साथ निभाऊंगी.
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