International Women's Day: खुद की पहचान बनाने निकलीं गाजियाबाद की राजकुमारी, मुर्गी फार्मिंग से शुरू की कमाई
International Women's Day: गाजियाबाद के डासना गांव में रहने वाली राजकुमारी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि उन्होंने कुछ ही महीने पहले अपने पोल्ट्री फार्मिंग की शुरुआत की थी.
Ghaziabad News: आज दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है, ऐसे में हम आपको गाजियाबाद की उन महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने कोरोना काल के बाद चुनौती भरे वक्त में अपने लिए रोजगार ढूंढा. दरअसल शहरों में रहने वाली महिलाओं के लिए रोजगार ढूंढना आसान होता है, लेकिन ज़रा सोचिए कैसे ग्रामीण क्षेत्र में रहकर किसी महिला ने अपने लिए और अपने जैसी तमाम महिलाओं को खुद का व्यवसाय करने की प्रेरणा दी होगी.
महिलाओं को बना रहीं हैं सशक्त
गाजियाबाद के डासना गांव में रहने वाली राजकुमारी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि उन्होंने कुछ ही महीने पहले अपने पोल्ट्री फार्मिंग की शुरुआत की थी, जहां वो कोई आम नहीं बल्कि बेहद खास कड़कनाथ मुर्गियों की फार्मिंग कर रही हैं. न सिर्फ इतना बल्कि गांव की महिलाओं को भी इस व्यवसाय से जोड़ कर उन्हें सशक्त बना रही हैं.
बात करते हुए हुईं भावुक
एबीपी से बात करते हुए भावुक हो कर राजकुमारी कहती हैं कि वो पहले कभी अपने नाम से नहीं जानी पहचानी जाती थी लेकिन आज लोग उन्हें उनके नाम से जानते हैं. उनकी पोल्ट्री में फिलहाल 100 से ज्यादा कड़कनाथ मुर्गियां हैं और उनका लक्ष्य इसको और ज्यादा बनाने का है.
जिले की मुख्य विकास अधिकारी ने किया सहयोग
राजुकमारी ने बताया कि उनको व्यवसाय शुरू करने में प्रशासन की काफी अहम भूमिका रही है, जिले को मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल ने उनकी काफी मदद की. इसके साथ ही नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन के जरिए उन्हें अपना व्यवसाय करने का मौका मिला. अपने फार्म को लेकर पहले उन्हें काफी चिंता थी. वो बताती हैं कि वो एक ऐसे परिवार और घर से हैं जहां महिलाएं काम नहीं करती थी उसके बाद भी लगभग आधी उम्र बीत जाने के बाद उन्होंने तय किया कि वो अपने लिए कुछ करना चाहती हैं. आज वो अपनी गांव की महिलाओं को भी रोजगार दे रही हैं और बहुत जल्द ही अपने फार्म को काफी बड़ा बनाने वाली है.
किसान की बेटी हैं राजकुमारी
राजकुमारी ने बताया कि उनके लिए इस व्यवसाय की शुरुआत करना किसी चुनौती से कम नहीं था. सबसे पहली चुनौती अपना परिवार होता है, लेकिन आज उनके घर परिवार का हर सदस्य उनकी मदद कर रहा है. उनके बच्चे और पति भी उनके साथ काम करते हैं.
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