बागपत, एबीपी गंगा। बागपत के मलकपुर गांव में अंतरराष्ट्रीय महिला मल्ल अंशु तोमर राष्ट्रीय पहलवान धर्मेंद्र यादव के साथ परिणय सूत्र में बंध गई हैं। पहलवान दूल्हे के साथ उनके दो भाई ही बाराती बनकर आए थे। सीमित संख्या में मौजूद घराती और बारातियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए फेरों की रस्म पूरी की। उत्तर प्रदेश केसरी, भारत केसरी, हिंद केसरी रह चुकी अंशु तोमर के पास लक्ष्मीबाइ अवॉर्ड और यश भारती अवॉर्ड हैं। तोमर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक अपने नाम किए हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक दर्जन से ज्यादा कुश्ती चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली मलकपुर गांव की अंशु तोमर गोंडा के स्टेडियम में अभ्यास करती थीं। लगभग पांच साल पहले अंशु की पहचान इसी स्टेडियम में अभ्यास करने वाले महाराजगंज जिले के पहलवान धर्मेंद्र यादव से हुई थी।
लॉकडाउन से पहले अंशु के परिजनों ने उनकी शादी 5 मई को धर्मेंद्र यादव के साथ तय की थी, लेकिन मार्च माह में लॉकडाउन हो गया। इसलिए शादी समारोह तो टाला नहीं गया बल्कि इस रस्म को छोटा कर शादी करने का ही निर्णय लिया। धर्मेंद्र यादव अपने भाई सुनील और चचेरे भाई राजू के साथ मलकपुर गांव पहुंचे थे। बेहद ही साधारण शादी समारोह के बीच दोनों ने शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए जयमाला डाली। उसके बाद पंडित ने पहलवान अंशु और धर्मेंद्र के सात फेरों की रस्म संपन्न कराई।
समारोह में घराती और बरातियों ने चेहरे पर मास्क लगा रखे थे। धर्मेंद्र ने बताया कि वह अंशु के साथ अभ्यास करते थे। शादी करने के लिए वह तीन ही लोग आए हैं। लॉकडाउन समाप्त होने पर समारोह करेंगे। अंशु तोमर ने बताया कि धर्मेंद्र के साथ कई माह पहले रिश्ता तय हो गया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण साधारण शादी करनी पड़ी। शादी के बाद भी वह अभ्यास जारी रखेंगी।
यह है उपलब्धि
14 साल पहले गांव में ही मिट्टी के अखाड़े में उतरने वाली अंशु तोमर भारत केसरी, उत्तर प्रदेश केसरी और हिंद केसरी रह चुकी हैं। अंशु को सात साल पहले लक्ष्मीबाई अवॉर्ड और यश भारती अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। 10 साल पहले दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने हिस्सा लिया था। अंशु एशियन चैंपियनिशप समेत कई अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी हैं।