Gorakhpur News: गुरु गोरखनाथ की धरती पर गोरखनाथ मंदिर में योग सप्ताह के दिन अद्भुत नजारा दिखाई दिया. एक साथ सैकड़ों की संख्या में उपस्थित लोगों ने योग किया. यूपी के कैबिनेट और गोरखपुर के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना, गोरखपुर के सांसद रविकिशन समेत साधु-संतों और आमलोगों ने योग के माध्यम से स्वस्थ रहने का संदेश दिया और खुद को निरोग बनाकर दीर्घायु होने का मंत्र दिया.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजयनाथ सभागार में सुबह 6 बजे से 8 बजे तक साप्ताहिक योग शिविर का समापन हुआ. इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में लोगो नें योग किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने संबोधन में कहा कि आज योग पूरे विश्व में किया जा रहा है. इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है. उनके प्रयास से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. आज प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर सेना के बीच में योग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो स्वयं योगी हैं.
योग का जीवन में अधिक महत्व
प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि योग को जीवन में सबसे अधिक महत्त्व दें. शरीर स्वस्थ है, तो हम कुछ भी कर सकते है. रोज 10 मिनट योग करें. धीरे-धीरे और टाइम बढ़ा कर एक घंटा तक योग करने लगेंगे. योग करने की आदत हो जाएगी. अनुलोम-विलोम, कपालभाती, भ्रामरी, प्राणायाम ठीक से करना है. सांस को लेना और छोड़ने के साथ उसको नियंत्रित करने सीखना बहुत जरुरी है. उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक रूप में भी योग हम लोगों के लिए बहुत जरुरी है. विशिष्ट अतिथि गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने कहा कि योग मानव जीवन के लिए सबसे अधिक जरूरी है. क्योंकि आज के परिवेश में हम बिना योग के निरोग रह ही नहीं सकते है.
योगाचार्य कमलेश मौर्या, रवि सिंह, महात्मा नवनीत, रणधीर कुमार सिंह और विनय कुमार चौधरी नें सूर्य नमस्कार, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन, गोमुखासन, वीरासन, धनुरासन, शवासन, मत्स्यासन, मत्स्येन्द्रासन, पश्चिमोत्तासन, मयूरासन, मंडूकासन, उत्तानपादासन, उत्तानपादासन, शलभासन, मकरासन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, हलासन, ताड़ासन, नौकासन, शशकासन के साथ हीं नाड़ीशोधन, कपालभाती, शीतली व भ्रामरी प्राणायाम इत्यादि का योगाभ्यास कराया. संचालन श्री गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ॰ अरविंद कुमार चतुर्वेदी ने किया. इस अवसर पर श्री गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के आचार्यों, छात्रों सहित सैकड़ों योगाभ्यासी व प्रशिक्षु उपस्थित रहे.
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