17वीं लोकसभा के चुनाव के लिए हर पार्टी और उनके बड़े नेता प्रचार प्रसार में लगे हैं। सियासत में उत्तर प्रदेश की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण मानी जाती है। राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। इस बीच बेहद व्यस्त कार्यक्रम से कुछ समय निकालकर एबीपी गंगा के संपादक राजकिशोर ने उनसे बातचीत की। उन्होंने हर सवाल के जवाब खुलकर दिये। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश।


राजकिशोर: आप लगातार 'सबका साथ सबका विकास' की बात करते हैं। लेकिन आपके सीएम को चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था 72 घंटे के लिए बैन कर देती है। पार्टी के लिए कितना बुरा है ये।


केशव प्रसाद मौर्य: चुनाव आयोग को अधिकार है कि किसी को प्रचार करने से रोक सकता है। सीएम योगी को रोके जाने का जो फैसला हुआ है उसमें सीएम द्वारा भी अपना पक्ष रखा गया है। इस प्रकार से प्रचार से रोकने का जो निर्णय लिया गया है उसे वापस लेने का आग्रह किया है। लेकिन अभी तक चुनाव आयोग ने पार्टी के आग्रह को, सीएम के आग्रह को स्वीकार नहीं किया है। हनुमान जी तो हमारे लिए भगवान जी की तरह है और उनकी पूजा करते हैं। आराधना करते हैं। अगर कोई सपा का नेता ये कहेगा कि हनुमान जी मुसलमान हैं या उनके साथ कोई अलग से सरनेम जोड़ने का काम करेगा तो एक तरह से हिंदू भावनाओं को आहत करने का काम करता है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार की बातें नहीं बोली जानी चाहिए। ठीक है...चुनाव आयोग ने फैसला लिया है। हम चुनाव आयोग का सम्मान करते हैं। अपनी बात हमने आयेग के समक्ष रखी है। अभी आयोग ने जो निर्णय लिया है उससे पीछे नहीं हटा है। 3 दिन की अवधि पूरी होगी फिर प्रचार किया जाएगा।



राजकिशोर: चुनाव आयोग ने किसी एक नेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है जिससे ये कहा जाए कि वो भेदभाव कर रहा है। उसने मायावती और आजम खान पर भी कार्रवाई की है। तो ऐसा कैसे हो सकता है कि एक व्यक्ति के फैसले पर आप न्यायोचित ना ठहराएं और दो व्यक्तियों पर कहें कि ये उचित फैसला है।


केशव प्रसाद मौर्य: देखिये मायावती जी ने सहारनपुर में जिस भाषा का इस्तेमाल किया वो खुलेआम आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था। आजम खान जिस प्रकार से महिला का अपमान कर रहे हैं। वह देश कैसे बर्दाश्त कर सकता है। मायावती जी के खिलाफ कार्रवाई तो समझ में आती है। आजम खान के खिलाफ कार्रवाई समझ में आती है लेकिन योगी जी के खिलाफ कार्रवाई का औचित्य समझ नहीं आया। चुनाव आयोग से मैंने भी आग्रह किया था कि योगी जी के मामले में पुन: विचार करे। लेकिन अभी तक सूचना के अनुसार आयोग का जो निर्णय है वो कायम है।


राजकिशोर: केशव जी आप संवैधानिक पद पर हैं और बड़े नेता हैं। विपक्ष लगातार चुनाव आयोग पर आरोप लगाता है और कहता है कि चुनाव आयोग मोदी आयोग बनकर रह गया है। लगभग वैसी ही भाषा जब आपके नेता आपके खिलाफ कार्रवाई हो रही है..तो आप भी इस्तेमाल कर रहे हैं। विपक्ष और आप कम से कम इस मामले में एक मंच पर खड़े हुए दिखाई देते हैं।


केशव प्रसाद मौर्य: नहीं हम आयोग से अपनी बात कह रहे हैं। मायावती जी ने जिस प्रकार से सहारनपुर की रैली में कहा, मुसलमान शब्द का प्रयोग करते हुए गठबंधन को वोट दें। तो ये तो आदर्श आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन हो गया और आजम खान के द्वारा जिस प्रकार से हनुमान जी के बारे टिप्पणी की गई और फिर वहां जिस प्रकार से भाजपा की प्रत्याशी जयाप्रदा जी के बारे में प्रतिक्रिया दी गई। वक्तव्य दिया गया। वह किसी भी प्रकार से उचित नहीं ठहराया जा सकता है और योगी जी ने ऐसा कोई विषय नहीं कहा था जिसके कारण आदर्श आचारर संहिता का उल्लंघन प्रतीत होता हो।


राजकिशोर: इसी विषय पर मुझे बार-बार आना पड़ रहा है मौर्य जी। कभी बजरंग बली की जाति बताई जाती है। शुरुआत भाजपा नेताओं मुख्यमंत्री जी की तरफ से होती है उसके बाद कोई उनको अपने घर का बताता है। तो हनुमान जी की पूंछ में तो आग भाजपा ने लगाई है।


केशव प्रसाद मौर्य: हनुमान जी हमारे भगवान जी हैं। हम उनकी पूजा करते हैं। आस्था रखते हैं..श्रद्धा रखते हैं। मेरे हर कक्ष में जहां आप जाएंगे। वहां हनुमान जी विराजमान हैं। हनुमान जी का भक्त होने के नाते कोई हनुमान जी का अपमान करे...अनादर करे, उनके बारे में कोई गलत टिप्पणी करे। मैं उसको स्वीकार नहीं करता हूं।


राजकिशोर: अभी आप आजम खान पर बहुत ज्यादा हमलावर थे। आपको लगता है कि आजम खान जब इस तरह की भाषा का इस्तमाल करते हैं तो उसकी प्रतिक्रिया और आपकी पार्टी में भी तमाम लोग लगभग ऐसी भाषा का इस्तमाल करते है, साक्षी महाराज का भी कुछ ऐसा ही बयान आया है। जो बात आपको खराब लगती है वो बात दूसरों को भी खराब लग सकती है और आप तो अनुशासित पार्टी कहते हैं खुद को। पार्टी विद द डिर्फेंस की बात करते हैं, तो आप अपने लोग को क्यों नहीं समझा पाए।


केशव प्रसाद मौर्य: समझाया जाता है जो कोई इस प्रकार के बयान देता है। मलतब पार्टी या पार्टी का नेतृत्व जब भी जो समय होता है उसके हिसाब से कार्रवाई करता है, लेकिन जब से आचार संहिता लगी है, मैं समझता हूं कि उसका पालन कर रहे हैं। कहीं कोई शिकायत है किसी को तो वो शिकायत कर सकता है। हम भी आयोग से शिकायत करते हैं और दूसरे राजनीतिक दल भी उस चुनाव आयोग से शिकायत करते हैं तो वो अलग मसला है। लेकिन यहां से जो पूरा घटनाक्रम है जिस पर 72 घंटे 48 घंटे इस प्रकार के जो प्रतिबंध लगाए गए। मुझे भी ऐसा लगा कि एक तो पक्ष सुन लें। इस प्रकार का निर्णय योगी जी के संबंध में जो लिया गया था। मुझे लगता है कि उस पर एक बार पुन: विचार कि अवयशकता थी, बाकि आयोग का जो भी आदेश है। उसका हम पालन करते है।


राजकिशोर: आयोग ने सेना का नाम लेने पर चुनाव रैलीयों पर उस पर भी रोक लगाई थी, मुझे लगता है कि बीजेपी का जो शीर्ष नेतृत्व है उसने उसका भी अनुपालन नहीं किया तो कहीं न कहीं अनदेखी तो लगातार हो रही है।


केशव प्रसाद मौर्य- देखिए सेना तो देश की है इससे हम इन्कार नहीं कर सकते लेकिन मान लिजिए नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जो सेना की जो ताकत है उस ताकत के अनुसार वो कार्रवाई कर सके जो इस प्रकार के आदेश को पूर्व की सरकारों नहीं दिया करती थीं वो आदेश नरेंद्र मोदी जी कि नेतृत्व वाली सरकार में सेना को खुली छूट दी गई है, इसलिए आतंकवाद आज अंतिम सांसे ले रहा है। इसलिए आतंकवाद के खिलाफ देश के अंदर भी और जरुरत पड़ी तो पाकिस्तान के अंदर घुसकर भी सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के माध्यम से देश के दुश्मनों का काम तमाम किया गया है। भारत की सेना है भारतीय सेना पर गर्व है अगर भारत की सेना ने देश का गौरव बढ़ाने का काम किया है और मानिए नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार जब देश में है तो उस समय किया है तो भारतीय जनता पार्टी का हक ये बनता है कि हम अपनी सेना का शौर्या और पराकर्म की प्रशंसा करें। उसकी आलोचना जो विरोधी लोग करते हैं। सेना की कार्रवाई पर जो शंका पैदा करते है तो ये सेना का अपमान है और अगर कोई सेना का अपमान करेगा, चाहे भारतवासी हो चाहे भारतीय जनता पार्टी का कोई कार्यकर्ता से लेकर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री तक हो, अपमान हम नहीं सह सकते हैं।


राजकिशोर: केशव जी इस समय चुनाव बिल्कुल सरगर्मी पर है। आठ सीटों पर पर मतदान हो चुका है। जिस तरीके का बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन बना है और जो सियासी समीकरण और समाजिक समीकरण पूरी तरीके से उनके पक्ष में जा रहा है और कम से कम पहले चरण का मतदान हुआ है उससे बहुत अच्छी खबर नहीं आ रही है, नुकसान तो हो रहा है कैसे निपटेगे इस गठबंधन से।


केशव प्रसाद मौर्य: देखिए पहले चरण को लेकर खबर ये है कि शत प्रतिशत भाजपा के पक्ष में है। ये चीज मैं आपको बता रहा हूं। और जो श्री अखीलेश यादव जी, मायावती जी अजित सिंह जी ये तीनों ने जो गठबंधन किया है इस गठबंधन के आधार पर इन्होंने जो सोचा था कि जाति समीकरण के आधार पर भारतीय जनता पार्टी और मोदी जी के विजय रथ को रोक लेगें तो इनके जाति समीकरण पर मोदी समीकरण बहुत भारी पड़ा क्योंकि मोदी जी ने सबका साथ सबका विकास सबको सम्मान देते हुए अपने 5 साल के कार्यकाल में काम किया है। गरीबों को, पिछड़ों को अगड़ों को, किसानों को, मजदूरों को, व्यापारियों को समाज के हर वर्ग को...मैं कहूं तो कोई हिस्सा नहीं है जहां उन्होंने इमानदारी के साथ काम नहीं किया हो। अच्छे कामों के कारण आज देश की जनता और प्रदेश की जनता के मन में एक बात बैठी हुई है कि मोदी जी को एक अवसर हमें और देना है क्योकि मोदी जी के नेतृत्व में जो काम हुआ है पांच साल में.. वो कांग्रेस 55 साल में नहीं कर सकी और उत्तर प्रदेश की दृष्टी से हम कहें तो केन्द्र में मोदी जी की सरकार के सहयोग से प्रदेश में योगी जी की अगुवाई वाली सरकार ने जितना काम दो साल में किया है उतना काम सपा-बसपा की 15 साल की सरकार ने नहीं किया।


राजकिशोर: केशव जी लगातार बात आ रही है कि आपकी पार्टी के दो शीर्ष नेता उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ रहे है चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हों वाराणसी से जो दोबारा फिर से लड़ रहे है या राजनाथ सिंह जहां हम आज बैठे हुए हैं लखनऊ में। चर्चा है कि प्रियंका गांधी लड़ सकती हैं चुनाव वाराणसी से...और शत्रुघ्न सिन्हा जो कभी आपके अपने थे जो पराए हो गए आपके लिए कितनी बढ़ी चुनौती हैं।


केशव प्रसाद मौर्य: मैं किसी सीट पर कोई चुनौती नहीं मानता मैं आपको वास्तविकता बता रहा हूं 23 मई को सपा-बसपा कांग्रेस गई का समाचार आपको उत्तर प्रदेश से प्राप्त होगा। मैं चुनाव के पहले बोल रहा हूं, मैं कोई अहंकार में नहीं बोल रहा हूं। मैं आपको बता रहा हूं ‘वहीं सवाल को टोकते हुए इतने आत्मविश्वास की वजह क्या है गठबंधन उनके पक्ष में है सता विरोधी दो सरकारों कि लहर आपके खिलाफ है इतना आत्मविश्वास क्यों’ देखिए मैं मैनपुरी, कनौज, फिरोजाबाद, आजमगढ़ ये सपा के पास सीटें थीं और मैं आपको बता रहा हूं 23 मई को इन सीटों पर कमल खिल जाएगा। आमेठी और रायबरेली में कांग्रेस को इतना डर लग रहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष जो लगातार एक सीट से लड़ते रहे हैं...आधिकार है आयोग के माध्यम से...लेकिन उनको अमेठी छोड़कर केरल भागना पड़ा। सोनिया गांधी स्वयं घखबराई हुई हैं और प्रियंका वाड्रा जी की इच्छा है तो अधूरी ना रखें और नहीं लड़ना चाहती हैं तो मैं जरुर कहूंगा कि लड़ें। कांग्रेस कि हैसियत उत्तर प्रदेश में जैसे आई.सी.यू में पड़े मरीज की होती है इसी प्रकार की स्थिति है चाहे राहुल गांधी जी हों, चाहे सोनिया गांधी जी हों, चाहे प्रियंका गांधी हों ये कहीं भी जाते हैं तो हर जिले में इनके पास 150- 200 फोटो खिंचवाने वाले नेता कहिए चाहे उनको कार्यकर्ता कहें अब कांग्रेस का कोई वजूद नहीं बचा है।


राजकिशोर: केशव जी अभी आपने प्रियंका गांधी जी का नाम लिया उसके अपने कारण भी है राजनैतिक कारण भी हैं अभी जयाप्रदा के खिलाफ जो आजम खां ने टिप्पणी की उस पर आप कह रहे थे कि ऐसी टिप्पणी कैसे कोई कर सकता है। मायावती ने उसके खिलाफ अवाज नहीं उठाई अभी उमा भारती ने प्रियंका गांधी पर कुछ टिप्पणी की है वो आपको लगता है मर्यादा के अनुरुप है।


केशव प्रसाद मौर्य: देखिए मैं ये मानता हूं कि हमारे शब्दकोश में ऐसे शब्दों का भंडार है कि हम किसी के प्रति अनादर पूर्ण शब्दों का प्रयोग करे बगैर भी विरोध कर सकते हैं। न तो राहुल गांधी जी को ये अधिकार है कि भारत के प्रधानमंत्री जी को खुले आम मंच से ये कहें कि 'चौकीदार चोर है'' का नारा लगा सकते हैं और न इस देश के अंदर किसी भी विरोधी जो हमारे माननीय मोदी जी के विरोधी हैं वो कहेंगे चायवाला है तो प्रधानमंत्री कैसे बनेगा, वो कांग्रेस कार्यालय के बाहर चाय पिलाने का काम कर सकते हैं। चौकीदार माने उसको ये बना दिया कि वो चोर होता है अगर देश के लिए कोई भी कार्य कर रहा है तो वो चोर हो गया जो स्वयं जमानत पर घूम रहे हैं बेल पर बाहर हैं और अगर उनके फेवर में इस प्रकार की बातें वो करते हैं और आज मैंने भी सुना है दीदी उमा भारती ने प्रियंका वाड्रा के बारे में कुछ बोला है क्या बोला है पूरी बात मैं समझ नहीं पाया हूं लेकिन मैं जरुर सुनूंगा क्या उन्होंने बोला है और उसका क्या मतलब है वही (राजकिशोर टोकते हुए) मैं बता देता हूं उन्होंने कहा है ''चोर कि पत्नी'' आपको लगता है उन्होंने उचित कहा है, मैं ये व्यक्तिगत के तौर पर मानता हूं कि भ्रष्टाचार के आरोप तो सोनिया जी पर राहुल जी पर और वाड्रा जी के ऊपर हैं लेकिन आरोप होने का मतलब इस प्रकार की जो शब्दों का प्रयोग दीदी उमा भारती ने किया होगा किन वजह से कहा, क्यों कहा ये मैं नहीं जानता हूं, अगर भ्रष्टाचार के आरोप से जो घिरा है अगर ये बताया है कि भष्ट्राचार के आरोपी हैं उनकी पत्नी है तो मुझे नहीं लगता कह कर वो कुछ नहीं बोले। मोदी जी और प्रियंका गांधी जी की तुलना नहीं कि जा सकती मोदी जी पर भष्ट्राचार का एक भी आरोप नहीं है और वाड्रा जी पर अनेक आरोप हैं। वो जो आरोपग्रस्त हैं उनके बारे में जोड़ कर ऐसा कहा होगा ये बोलते हुए उन्होंने इस बात की पुष्टी नहीं कि इस पर सवाल दीदी से ही करना उचित होगा।


राजकिशोर: अभी बात हम गांधी परिवार की ज्यादा कर रहे हैं तो गांधी परिवार के जरिए आप समाजवादी पार्टी पर सब पर वंशवाद का आरोप लगाते हैं भाजपा में भी वंशवाद बहुत पनप रहा है आप पर भी आरोप लगा है कि आप अपने बेटे के लिए टिकट चाहते थे कितना सच है ये?


केशव प्रसाद मौर्य: ये आरोप एकदम गलत है। ये सफेद झूठ है। मैं अगर टिकट चाहता तो कहीं से भी आवेदन होता किसी से मैं बात करता मुझे किसी से कहना पड़ता मैं अगर चाहता तो जब मैं जहां विधायक था जब सीट खाली की थी तो मैं अपनी विधायक वाली सीट पर किसी परिवार वालों को लड़ा सकता था। चुनाव लड़ा सकता था जब मैंने लोकसभा सीट से इस्तीफा दिया था उस समय में अपने परिवार से किसी को लड़ाने के लिए नहीं उस समय कौशल पटेल जी को हमारे वाराणसी के पूर्व मेयर प्रदेश संगठन मंत्री का दायित्व है उनको लड़ाने का काम वहां पर मुझ से पूछा गया था कि क्या करना है तो मैंने कहा कि पटेल समाज के प्रत्याशी को अगर भेजेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा बाकि पार्टी जो भी निर्णय लेगी उसका मैं स्वागत करुंगा तो पार्टी का जो निर्णय है उसका मैं स्वागत कर कहा हूं। वहां श्री पटेल जी को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है और हम पूरे दमखम के साथ लगे हैं और इस बार कमल का फूल खिलेगा।