प्रयागराज. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने आईपीएस अमिताभ ठाकुर के उन दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि लेक सेवा आयोग ने मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थियों से माता-पिता का क्रिमिनल रिकार्ड मांगा था. कमीशन के सचिव जगदीश ने सफाई देते हुआ कहा कि सिर्फ माता-पिता के व्यवसाय और आमदनी के बारे में जानकारी मांगी गई है. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के क्रिमिनल रिकार्ड मांगने की पुरानी व्यवस्था है. माता-पिता के क्रिमिनल रिकॉर्ड के बारे में न पहले जानकारी मांगी जाती थी और न ही इस बार मांगी जा रही है. उन्होंने दावा किया कि अमिताभ ठाकुर के परिवार को फॉर्म भरने में कोई गलतफहमी हुई है.


क्या है मामला?


वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने दावा किया था उनके बेटे के ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त माता-पिता के क्रिमिनल रिकॉर्ड की डिटेल्स देने का भी कालम था. उन्होंने इसको लेकर यूपी लोक सेवा आयोग को चिट्ठी भी लिखी है. अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी व सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने यूपी लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है. बता दें कि अमिताभ ठाकुर के बेटे आदित्य ने प्री इम्तहान क्वालीफाई करने के बाद पीसीएस मुख्य परीक्षा का फॉर्म भरा है.


अमिताभ ठाकुर का कहना है कि मुकदमों की जानकारी मांगे जाने से बेटा आदित्य असहज हो गया था. अमिताभ ने कहा कि पीसीएस में अभ्यर्थी अपनी योग्यता से चयनित होता है. अभ्यर्थी का खुद का रिकॉर्ड दागी नहीं होना चाहिए. माता-पिता के क्रिमिनल रिकॉर्ड से अभ्यर्थी के चयन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए.  उन्होंने आयोग के चेयरमैन को चिट्ठी लिखकर यह नियम बदलने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि यह नियम मानसिक उत्पीड़न करने वाला है. गौरतलब है कि अमिताभ और नूतन ठाकुर के खिलाफ रेप समेत तीन मामलों में मुकदमा दर्ज है.


ये भी पढ़ें:



पीएम मोदी ने किया आगरा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का उद्घाटन, कहा- पर्यटन को बढ़ाने के लिए हर मुमकिन कोशिश


योगी आदित्यनाथ बोले- किसानों के कंधों पर रखकर बंदूक चला रहे विरोधी दल