लखनऊ, एबीपी गंगा। यूपी कैडर की आईपीएस अफसर अपर्णा कुमार ने एक नया इतिहास रच दिया है। आईपीएस अफसर अपर्णा कुमार ने यूएसए के अलास्का में स्थित माउंट डेनाली पर्वत पर हिंदुस्तान का तिरंगा फहरा कर ना सिर्फ देश का बल्कि आईटीबीपी और यूपी पुलिस का भी मान बढ़ाया है।
अपर्णा कुमार 2002 बैच की यूपी कैडर की आईपीएस अफसर हैं और वो देश की पहली ऐसी आईपीएस अफसर हैं जिन्होंने पूरी दुनिया में मशहूर सेवेन कांटिनेंट (सात पर्वतमालाओं) पर भारतीय तिरंगा फहराया है। भारत में ऐसे पर्वतारोही गिने चुने हैं जिन्होंने दुनिया की सात सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं पर फतेह हासिल की हो और अपर्णा कुमार उनमें से एक हैं।
माउंट डेनाली पर्वत पर क्लामबिंग के लिए अपर्णा ने 15 जून को भारत छोड़ा था और उनकी तैयारी 10 जुलाई के आसपास इस पर्वत पर चढ़ने की थी लेकिन वहां के साफ मौसम ने अपर्णा को ये कीर्तिमान रचने के लिए ज्यादा लंबा इंतजार नहीं करने दिया और अपने तय समय से दस दिन पहले ही अपर्णा कुमार ने ये सफलता हासिल कर ली। जिस वक्त वो चढ़ाई कर रहीं थीं उस वक्त वहां का तापमान माइनस 40 डिग्री के आसपास था और 250 किलोमीटर की रफ्तार से बर्फीली हवाएं चल रही थी। आपको बता दें कि माउंट डेनाली पर्वत की समुद्र तल से ऊंचाई 20320 फीट है।
ऐसे शुरु हुआ पर्वतारोहण का शौक
अपर्णा कुमार 2016 में माउंट एवरेस्ट पर भी भारतीय तिंरगा फहरा चुकी हैं। उससे पहले साल 2015 में माउंट एकांकागुआ, 2014 में माउंट किलिमंजारो और 2015 में ही माउंट एल्ब्रुस पर भी फतेह हासिल कर चुकी हैं। दरअसल अपर्णा कुमार को पर्वतारोहण का शौक 2013 में लगा जब वो मुरादाबाद पीएसी में तैनात थी। उसके बाद उन्होंने माउंटीनियरिंग का एक बेसिक कोर्स किया और फिर उनका पर्वतारोहण का ये सफर शुरू हुआ। अब अपर्णा कुमार का अगला लक्ष्य अब साल 2020 में नार्थ पोल पर भारतीय तिंरगा फहराना है।
आईपीएस अफसर अपर्णा कुमार अभी अलास्का में ही मौजूद हैं उनके पति सीनियर आईएएस संजय कुमार का कहना है कि अभी उन्हें वापस आने में तकरीबन एक हफ्ते का वक्त और लग जाएगा। अभी तक उनसे परिवार की बात नहीं हुई है, केवल एक सैटेलाइट फोन के माध्यम से अपर्णा कुमार ने अपनी सफलता का संदेश परिवार तक भेजा है।
वो अपर्णा की इस सफलता का सारा श्रेय उनकी मेहनत और जज्बे को देते हैं। संजय कुमार का कहना है कि अपर्णा जो एक बार ठान लेती हैं तो उसे करके ही दम लेती हैं। अपर्णा कुमार को पर्वतारोहण के लिए साल 2016 में यश भारती सम्मान भी मिल चुका है।