Russia Ukrain Conflict: यूक्रेन से वापस लौटे भाई-बहन ने सुनाई आपबीती, आंखों के सामने हुई फायरिंग, घंटों भूखे प्यासे चले
Bareilly News: यूक्रेन से जान बचाकर भारत लौटे भाई-बहन ने आपबीती सुनाई है जिसे सुनकर हर कोई सिहर उठेगा, उन्होंने बताया कि उनका आंखों के सामने फायरिंग हुई, वो घंटों भूखे प्यासे रहे.
Russia Ukrain War: यूक्रेन से जान बचाकर भारत लौटे भाई-बहन ने जो हालात बयां किए हैं उसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. बरेली के रहने वाले सेमाह और उनकी बहन तसबीहा यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए हैं. भारत सरकार के चलाए गए ऑपरेशन गंगा के बाद उनकी घर वापसी हुई है. यूक्रेन से लौटने के बाद उन्होंने बताया कि वहां के हालात बेहद खराब है. वो खुद 15 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे रोमानिया बॉर्डर, जहां उन्हें 12 घंटे तक लाइन में खड़े रहना पड़ा. यहीं नहीं यूक्रेन के सैनिकों ने उनकी आखों के सामने फायरिंग की. कड़ाके की ठंड में उन्हें घंटों तक भूखा रहना पड़ा.
ऑपरेशन गंगा से हुई घर वापसी
सेमाल और तसबीहा भारत सरकार के चलाए ऑपरेशन गंगा के जरिए भारत लौटे हैं. इसके लिए उन्होंने भारत सरकार को धन्यवाद दिया. भाई बहन की घर वापसी से उनके घर में जश्न का माहौल है. इनके पिता इकबाल अख्तर बरेली के केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ाते हैं. 3 महीने पहले 2 दिसंबर 2021 को ही दोनों भाई बहन ने यूक्रेन के इवानों में एमबीबीएस में एडमिशन लिया था. अपने सपनों को उड़ान देने के लिए वो यूक्रेन में पढ़ने गए थे लेकिन रूस के हमले ने सब कुछ बदल कर रख दिया.
यूक्रेन के हालात बेहद खराब
सेमाल ने बताया कि यूक्रेन में लगातार बमबारी हो रही है. वहां पर बहुत ज्यादा दहशत है. ऐसे में सबसे बड़ी समस्या वहां से बॉर्डर पर पहुंचने की है. वो किसी तरह बस से अपनी बहन तसबीहा के साथ रोमानिया बॉर्डर के लिए रवाना हुए. लेकिन बस ने बॉर्डर से 15 किलोमीटर दूर ही सभी बच्चो को उतार दिया. जिसके बाद ये पूरा रास्ता उन्होंने कड़कड़ाती ठंड में पैदल ही पूरा किया. इस दौरान यूक्रेन की सेना ने भारतीय छात्रों के साथ काफी अभद्रता की. बच्चो़ के साथ मारपीट के साथ ही हवाई फायरिंग भी की जा रही है. रोमानिया बॉर्डर पर बहुत ज्यादा भीड़ है. उन्हें वहां पर करीब 12 घंटे तक खड़े रहना पड़ा. तब जाकर बॉर्डर से बाहर निकलने का मौका मिला.
भारत सरकार से की ये मांग
वहीं तसबीहा ने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि वहां पर फंसे छात्रों को निकालने के लिए और ज्यादा फ्लाइट का इंतजाम करे. वहां पर हालात बहुत ज्यादा खराब है और खाने पीने तक की दिक्कत हो रही है. तसबीहा ने बताया कि यूक्रेन की सेना भारतीय लोगों को डराने के लिए लगातार फायरिंग कर रही है. लेकिन रोमानिया के लोग बहुत सहयोग कर रहे हैं.
पिता ने सरकार को कहा शुक्रिया
दोनों बच्चों को घर वापसी पर बच्चों के पिता इकबाल अख्तर ने बताया कि जब तक उनके बच्चे घर वापस नहीं आए थे तब तक वो काफी परेशान थे, उनका किसी काम में मन नहीं लग रहा था. लेकिन भारत सरकार ने उनकी बहुत मदद की. इतना ही नहीं उनकी बात को सरकार तक पहुंचाने में भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने भी काफी मदद की. उन्होंने बताया कि आज उनके बेटे का जन्मदिन भी है और जन्मदिन के दिन उनका बेटा उनके पास है ये उनके लिए सबसे बड़ा गिफ्ट है.
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