अयोध्या: कोरोना वैक्सीन पर फतवा जारी करने वालों पर भड़के इकबाल अंसारी,कहा-'मुसलमानों को बरगला रहे हैं'
कोरोना वैक्सीन को लेकर मुंबई से फतवा जारी किया गया था कि पहले मुफ्ती इस दवा की जांच करेंगे, इसके बाद मुसलमान दवा लेंगे. इसे लेकर बाबरी मस्जिद केस में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने फतवा जारी करने वालों पर निशाना साधा है.
अयोध्या: मुंबई में कोरोना वैक्सीन को लेकर जारी किए गए फतवे पर पूर्व बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी ने बड़ा बयान दिया है. इकबाल अंसारी ने कहा कि अभी दवा नहीं बनी और फतवा जारी हो गया. फतवा जारी करने वालों ने केवल मुसलमानों को बरगलाने का काम किया है और यह पहला मौका होगा जब दवा को लेकर के देश में फतवा जारी किया गया है. आपको बता दें कि, मुंबई के रजा अकादमी ने फतवा जारी किया और कहा है कि जब तक हमारे मुफ़्ती दवा की जांच ना कर लें तब तक मुसलमान इस वैक्सीन को लगवाने के लिए आगे ना आएं. इस पर इकबाल अंसारी ने कहा है कि वैक्सीन के खिलाफ फतवा जारी करना पूरी तरह से गलत है.
दवा को भी हिंदू मुसलमान कर दिया
बाबरी मामले में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि अभी दवा आई नहीं और फतवा जारी होने लगा. दवा को भी पहले हिंदू और मुसलमान कर दिया जाता है. विरोध उस चीज का हुआ होता है जो नुकसान करे, इस्लाम में फतवा तब जारी किया जाता है. हिंदुस्तान का कानून मानो, हिंदू और मुसलमान एक साथ रहे और दूसरे की भलाई की बारे में बात की जाए, ना कि हिंदू और मुसलमान के बीच में नफरत पैदा करने वाली बात की जाए. इस्लाम और हिंदू धर्म दोनों यह बात स्पष्ट कहते हैं कि आपस में बैर नहीं होना चाहिए. लोगों को फतवा जारी करने से पहले एक बार सोचना चाहिये कि नुकसान क्या है और क्या फायदा है.
दवा के लिये फतवा
फतवा वहां जारी किया जाता है जहां पर नुकसान होने की संभावना होती है. आपस में इस तरीके की कोई बात ना हो जिससे कि देश का नुकसान हो. यह पहला मौका होगा जब दवा के लिए फतवा जारी किया गया. हम इस फतवे को नहीं मानते और ना ही इस फतवे की कोई जरूरत है. अभी दवा नहीं आई है, फायदा और नुकसान की बात स्पष्ट नहीं हो पाई है और फतवा पहले ही जारी कर दिया गया. हिंदू और मुसलमान दोनों से यह अपील है कि पहले वैक्सीन आने दीजिए उसकी अच्छाई और बुराई का पता लगेगा, पहले फतवा नहीं होना चाहिए. पहले दवा का इस्तेमाल होना चाहिए.
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