अयोध्या. धन्नीपुर में प्रस्तावित जमीन पर बनने वाली मस्जिद पर विवाद शुरू हो गया है. बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने मस्जिद के डिजाइन पर सवाल उठाए हैं. अंसारी का कहना है कि मस्जिद का डिजाइन विदेशों की तर्ज पर है. इकबाल ने कहा कि हम भारत के लोग हैं और हम भारतीय शैली पर बनी मस्जिद को स्वीकार करेंगे.


मस्जिद में नहीं होगा गुम्बद
बता दें कि अभी कुछ ही दिन पहले धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का डिजाइन लॉन्च किया गया था. डिजाइन के मुताबिक मस्जिद में गुम्बद नहीं होगा. परिसर में मस्जिद के अलावा म्यूजियम, अस्पताल, लाइब्रेरी और कम्युनिटी किचन बनाया जाएगा. मस्जिद की इमारत गोली होगी. इस मस्जिद को अगले दो साल में बनाकर पूरा करने का लक्ष्य है. इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) नक्शा पास होने और स्वायल टेस्टिंग के हिसाब से मस्जिद निर्माण की तारीख तय करेगा. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जमीन पर मस्जिद, अस्पताल, म्यूजियम सहित अन्य चीजें विकसित करने के लिए आईआईसीएफ ट्रस्ट बनाया है.


बाबरी से बड़ी होगी नई मस्जिद
मस्जिद कॉम्पलेक्स के कंसलटेंट ऑर्किटेक्ट प्रो. एसएम अख्तर ने इसे अंतिम रूप दे दिया है. मस्जिद परिसर में एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, एक सामुदायिक रसोई और एक पुस्तकालय होगा. प्रो. अख्तर ने बताया था, ''मस्जिद में एक समय में 2,000 लोग नमाज अदा कर सकेंगे और इसका ढांचा गोलाकार होगा.'' अख्तर ने कहा कि नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी, लेकिन उसी तरह का ढांचा नहीं होगा. परिसर के मध्य में अस्पताल होगा.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और केंद्र को मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मुहैया कराने का निर्देश दिया था. राज्य सरकार ने अयोध्या की सोहावाल तहसील के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन आवंटित की थी.



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