बाबरी विध्वंस की 32वीं बरसी पर इकबाल अंसारी बोले- 'अयोध्या महापुरुषों और पूजा-पाठ की धरती'
UP News: इकबाल अंसारी ने आगे कहा कि जब श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो देश में एक पत्ता तक नहीं हिला और न ही हिलना चाहिए. हिंदुओं की आस्था भगवान श्री राम जन्मभूमि में थी.
Babri Masjid Demolition Day: बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने शुक्रवार को कहा है कि अयोध्या में हिन्दू-मुसलमान दोनों खुश हैं. यहां पर श्री राम लला का मंदिर बनने के बाद अयोध्या का तेजी से विकास हुआ है. इकबाल अंसारी ने कहा है कि श्री राम मंदिर को लेकर 2019 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था. इस फैसले को पूरे देश के मुस्लिमों ने स्वीकार किया था. श्री राम लला का मंदिर बनने के बाद यहां पर हिन्दू-मुस्लिम में किसी भी तरह से कोई विवाद नहीं है. यहां भव्य मंदिर बनकर तैयार है. भारी संख्या में श्री राम के भक्त पूजा-पाठ के लिए आ रहे हैं.
अयोध्या में दोनों समुदायों के बीच भाईचारा- इकबाल अंसारी
इकबाल अंसारी ने आगे कहा कि जब श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो देश में एक पत्ता तक नहीं हिला और न ही हिलना चाहिए. हिंदुओं की आस्था भगवान श्री राम जन्मभूमि में थी. आज वहां मंदिर बनकर तैयार है. हम चाहते हैं कि सभी धर्म का सम्मान होना चाहिए. अयोध्या में दोनों समुदायों के बीच भाईचारा है. जब धर्म का सम्मान होगा तो देश आगे बढ़ेगा. पूरी दुनिया में हमारे देश का नाम होगा. हिंदुस्तान एक ऐसा देश है जहां पर हिंदू और मुस्लिम में भाईचारा है.
अयोध्या की धरती महापुरुषों की धरती
अयोध्या धर्म की नगरी है. यहां कुछ कमी थी जो अब पूरी हो चुकी है. अयोध्या में आज जो आप तरक्की देख रहे हैं. यह राज्य सरकार की वजह है. अयोध्या की धरती महापुरुषों की धरती है, पूजा-पाठ की धरती है. यहां सभी लोग खुश हैं, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम.
पीएम मोदी ने की श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा
आज से ठीक 32 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराया गया था. इसके बाद श्री राम मंदिर बनने की मांग तेज हुई. 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की. पीएम मोदी ने इस दौरान अयोध्या में रोड शो निकाला था, जिसमें इकबाल अंसारी भी शामिल हुए थे.
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