Sisamau By Election: उत्तर प्रदेश में जल्द ही विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. लोकसभा चुनाव में विपक्ष की बढ़त देख बीजेपी ने भी उपचुनाव के लिए कमर कस ली है. बीजेपी के लिए उपचुनाव में जीतना चुनौती और प्रतिष्ठा बनी हुई है. वहीं यूपी में कुल 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, जिसमें कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट भी शामिल है. वहीं इस सीट को जीतने के लिए सत्ता से लेकर विपक्ष तक सब तैयारी में लगे हुए है. वहीं इस सीट के दावेदारों की भीड़ पार्टी कार्यालय पर लग रही है.
बता दें कि इस सीट से सपा ने विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम को लड़ाने का ऐलान कर दिया है. वहीं बीजेपी ने इस सीट पर उम्मीदवार के लिए लगातार मंथन कर रही है. इस सीट पर 40 प्रतिशत मुस्लिम विधानसभा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. वहीं ये बीजेपी के खिलाफ वोट भी करते है. ऐसे में मुस्लिम मतदाताओं को साधने के लिए बीजेपी इस सीट पर नया दांव चल सकती है. सियासी गलियारे में तेज हुई हलचल बता रही है कि बीजेपी इस सीट पर सपा के पटकनी देने के लिए मुस्लिम प्रत्याशी उतार सकती है.
इस सीट पर एक ही परिवार का कब्जा
कानपुर की सीसामऊ सीट लंबे से सपा के पास है, एक ही परिवार का इस सीट पर कब्जा बना हुआ है. मरहूम हाजी मुश्ताक सोलंकी ने इस सीट पर सबसे पहले सपा का कब्जा कराया था. जिसके बाद उनके बेटे हजार इरफान सोलंकी इस सीट पर सपा की टिकट से काबिज रहे. लेकिन 2022 में कानपुर के जाजमऊ में हुए एक आगजनी के मामले में विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें बढ़ा दी.
कोर्ट ने दोषी को सात साल की सुनाई सजा
इरफान को दोषी करार देते हुए न्यायालय ने उन्हें 7 साल की सजा सुना दी. जिसके बाद इस सीट का रद्द होना तय माना जा रहा है और इस सीट पर उपचुनाव भी होना लगभग तय है लेकिन विधायकी बचाने की आस सपा और उनके विधायक इरफान को अभी भी है और न्यायालय में सजा पर स्टे की उम्मीद और प्रयास जारी है जिससे विधायकी बच सकती है. लेकिन अभी कोई रहता की खबर नहीं है. कभी भी तारीखों का ऐलान चुनावों लेकर हो सकता है.
मुस्लिम प्रत्याशी उतार सकती है बीजेपी
कानपुर में सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि बीजेपी इस सीट को जीतने के लिए नई नई रणनीति तैयार कर रही है. हर बूथ पर कार्यकर्ताओं को निर्देश दे दिए गए हैं कि वो वहां हर रोज दो घंटे का प्रवास करें. पार्टी सपा और मुस्लिम विधायक इरफान की पत्नी या किसी भी प्रत्याशी को इस सीट से हराने के लिए बीजेपी किसी मुस्लिम को भी प्रत्याशी बनाकर उतार सकती है. क्योंकि इस सीट पर 40 प्रतिशत मुस्लिम लामबंद होकर बीजेपी के खिलाफ वोट करता है और वहीं निर्णायक भूमिका भी निभाता है.
क्या बोले बीजेपी विधायक पंडित सुरेंद्र मैथानी
इस सीट पर बीजेपी विधायक पंडित सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि इस सीट पर टिकट के लिए कई दावेदार अपना-अपना भाग्य आजमाना चाह रहे है. जिसमे मुस्लिम दावेदारों की भी भरमार है. सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली बीजेपी रणनीति और समीकरण के अनुसार किसी भी वर्ग का प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है. बस प्रत्याशी की छवि जनता के बीच सही होनी चाहिए. अगर मुस्लिम प्रत्याशी इस सीट के लिए सही होगा तो पार्टी मुस्लिम या हिंदू में कोई भेद नहीं करेगी और उसे टिकट दे देगी.