(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी शिक्षक भर्ती में फिर गड़बड़झाला, अफसरों की जल्दबाजी में अपात्रों को मिला नियुक्ति पत्र
यूपी में शिक्षक भर्ती एक बार फिर लापरवाह अफसरों की हड़बड़ी का शिकार हो गई. प्रदेश में 16 अक्टूबर को बांटे गये नियुक्ति पत्र को लेकर सवाल खड़े हो गये हैं. इसके मुताबिक कम मैरिट वालों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया. फिलहाल अब इसकी जांच की जा रही है.
लखनऊ. बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के 31,661 पदों पर भर्ती में कई अपात्रों को नियुक्ति पत्र देने और कई पात्र अभ्यर्थियों को बाहर करने से हड़कंप मच गया है. खुद यूपी सरकार ने भी हाइकोर्ट में इन बात को कबूल किया है कि नियुक्ति पत्र बांटने में कुछ गड़बड़ी हुई है. 31,661 पदों पर भर्ती के लिए 12 अक्टूबर को जब चयन सूची जारी की गई थी तभी से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने इस पर सवाल उठाए थे. लेकिन ज़िम्मेदार अधिकारियों के कानों पर जूं तक न रेंगी.
कोर्ट में माना कि चयन में हुई गड़बड़ियां
यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान माना कि 31,661 पदों पर हुए चयन में गड़बड़ी हुई हैं. सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने अपना बयान दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद व एनआईसी की तरफ से कुछ गलती हुई हैं. गलती की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है. दो हफ्ते में जांच पूरी कर गड़बड़ियों को ठीक कर दिया जाएगा. कम मेरिट वालों के सेलेक्शन रद्द किये जाएंगे. ज़्यादा मेरिट वाले छूटे अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे. एडवोकेट जनरल ने अपने बयान को कोर्ट के रिकार्ड में लाने की सहमति भी दी.
अधिकारियों की लापरवाही
अब 17 नवंबर को फिर मामले की सुनवाई होगी. ऐसे अभ्यर्थियों की लंबी फेहरिस्त है जो एविडेंस के साथ ये साबित करने को तैयार हैं कि चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. अगर अधिकारियों ने पहले ही अभ्यर्थियों की बात को सुना होता तो आज ये नौबत न आती. पहले ही 69 हज़ार की भर्ती को लेकर तमाम कोर्ट केस और विवाद हैं. अब अधिकारियों की लापरवाही से एक और बखेड़ा खड़ा हो गया है.
पहले भी हुई लापरवाही
ऐसा पहली बार नहीं जब बेसिक शिक्षा विभाग की भर्तियों में इतनी बड़ी गड़बड़ी सामने आई हो. इससे पहले योगी सरकार की पहली 68,500 पदों की शिक्षक भर्ती में भी अधिकारियों ने सरकार की जमकर किरकिरी करायी थी. उस भर्ती में बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए थे जिसमें किसी के अंक बढ़कर उसको नौकरी दी गयी तो किसी के अंक घटाकर बाहर किया गया. कोर्ट में मामला जाने पर पोल भी खुली. तत्कालीन सचिव बेसिक शिक्षा परिषद समेत कुछ अधिकारी निलंबित कर जांच भी बैठाई गयी. लेकिन निलंबित हुए अधिकारी फिर से अन्य जगह ड्यूटी पर हैं और तमाम अभ्यर्थी आज भी न्याय की गुहार लगा रहे हैं. इतना ही नहीं तब भर्ती में लिस्ट जारी करने में ये भी खेल हुआ कि लो मेरिट वालों को होम डिस्ट्रिक्ट मिला और हाई मेरिट वालों को दूर दराज की जिले में तैनाती.
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