(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Election 2022: क्या अखिलेश यादव से गठबंधन करने के बावजूद निराश हैं शिवपाल यादव? जानें- क्यों हो रही चर्चा
UP Elections: शिवपाल यादव का समाजवादी पार्टी की टूट के बाद कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने वाले यह सियासी सूरमा आज बेहद निराश हैं. इन्हें अपने राजनीतिक भविष्य की बेहद चिंता सता रही है.
UP Assembly Election 2022: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में साथ मिलकर ताल ठोक रहे हैं. चाचा और भतीजे की जोड़ी जब एक हुई तब सियासी संदेश यह गया कि भतीजे अखिलेश चाचा का पूरा सम्मान करते हुए उनके सियासी सूरमाओं का भी सम्मान रखेंगे. गठबंधन में चाचा शिवपाल के द्वारा मांगी जा रही 6 से 8 सीटें उनके सियासी सूरमाओं का राजनीतिक भविष्य सुरक्षित रखेंगी.
लेकिन शिवपाल यादव का समाजवादी पार्टी की टूट के बाद कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने वाले यह सियासी सूरमा आज बेहद निराश हैं. इन्हें अपने राजनीतिक भविष्य की बेहद चिंता सता रही है. क्योंकि कहा जा रहा है कि इनके नेता शिवपाल यादव खुद गठबंधन करने के बावजूद निराश और हताश हैं. इन सियासी सूरमाओं का कहना है कि जो लिस्ट शिवपाल यादव द्वारा अखिलेश यादव को दी गई थी उसमें ना सिर्फ छटनी कर दी गई है बल्कि कटौती करते हुए एक या दो सीट देने की बात की जा रही है.
इस वजह से हताश हो गए हैं शिवपाल के मंत्री
ऐसे में इन सभी सियासी सूरमाओं का सियासी भविष्य निराशा भरा और अंधकार मय हो चुका है. अखिलेश यादव ने जब समाजवादी पार्टी में कब्जा किया तो उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिवकुमार बेरिया, मंत्री रहीं अरुणा कोरी, पूर्व सांसद रघुराज शाक्य, मंत्री रहीं शादाब फातिमा समेत सभी शिवपाल यादव के खेमे में आकर उनके वफादार बन गए थे. चार पांच साल की अनबन के बाद गठबंधन के स्वरूप लेने के बाद इन सभी को उम्मीद थी कि ये एक बार फिर अपने अपने क्षेत्रों से सियासी ताल ठोकेंगे. लेकिन शिवपाल यादव से हो रही बातचीत से मिले संकेत के बाद ये सभी बेहद हताश हो गए हैं.
जानकारों की मानें तो इटावा से आने वाले पूर्व सांसद और पूर्व विधायक रघुराज शाक्य, मंत्री रहे वीरपाल यादव, शादाब फातिमा, अरुणा कोरी, जय वीर यादव समेत तमाम नेताओं के सामने आज ये यक्ष प्रश्न है कि उनका भविष्य अब क्या होगा. उन्होंने शिवपाल यादव पर पूरा भरोसा जताया, 2022 के चुनाव में सभी ताल ठोकने को तैयार थे कि अचानक से गठबंधन हो गया. उम्मीद ये लगाई गई कि इन सभी सियासी दिग्गजों को गठबंधन में मिलने वाली 6 सीटों में एडजस्ट किया जाएगा लेकिन लगातार आ रही खबरें कभी प्रदेश की सियासत में भारी भरकम कद रखने वाले इन नेताओं के कलेजे को बैठा दे रही हैं. जानकारों की मानें तो ये सभी दिग्गज शिवपाल यादव के पुत्र मोह का शिकार और अपने आपको अब ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
शिवपाल यादव से मुलाकात कर रही हैं पुर्व मंत्री
इस बीच पूर्व मंत्री अरुणा कोरी आज लखनऊ में शिवपाल यादव से मुलाकात कर रही हैं तो शिव कुमार बेरिया शुक्रवार को अपने नेता से मुलाकात करने जा रहे हैं. इनकी आपस में हो रही चर्चा भी प्रगतिशील सामाजवादी पार्टी और इनके भविष्य को लेकर हो रही है. ये सभी नेता अपने नेता यानी शिवपाल सिंह यादव के स्पष्ट रुख को जान लेना चाहते हैं क्योंकि जोड़तोड़ की राजनीति के बीच बीजेपी, कांग्रेस जैसे दल इनपर लगातार डोरे डाल रहे हैं. लेकिन स्वामिभक्ति में फंसे ये सियासी दिग्गज अपने नेता शिवपाल सिंह यादव की तरह ही ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. बेरिया की माने तो अब सभी की निगाहें शिवपाल यादव पर लगी है जिसके बाद अपने सियासी भविष्य को लेकर कुछ फैसला किया जाएगा.
ये भी पढ़ें-
Uttarakhand Election 2022: बीजेपी में टिकट को लेकर बन चुकी है अंतिम राय, जानिए- कब आएगी लिस्ट