वाराणसी, एबीपी गंगा। सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ा आइएसआइ एजेंट राशिद अब जेल भेजा जा चुका है। पूछताछ के दौरान राशिद ने कई राज खोले। लेकिन परिजनों की माने तो आज भी इस उम्मीद में हैं कि उसकी बेगुनाही का कोई सबूत सामने आए। चंदौली जनपद का चौरहट गांव में अपने नाना के यहां रहने वाला राशिद अहमद आईएसआई को तस्वीरें और वीडियो भेजता था। मिलिट्री इंटेलिजेंस और यूपी एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में इसे पकड़ा गया और अब इसे जेल भेज दिया गया।
दो बार जा चुका है पाकिस्तान
राशिद के रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं ये खुद दो बार 2017 और 2018 में पाकिस्तान गया लेकिन पहली बार एक महीना रहा तो दूसरी बार एक महीने पूरे होने पर पच्चीस दिन और बढ़ाकर अनुमति ली और पूरे एक महीने 25 दिन रहा। राशिद का पाकिस्तान में भतीजे की बेटी से प्रेम संबंध भी हो गया, बाद में नाना उसे वापस तो ले आये लेकिन इस बार राशिद देश के दुश्मनों से मिल आया था।
राशिद आईएसआई के हाथ की एक कठपुतली बन चुका था और इसके इशारे पर काम करना शुरू कर दिया था इन्होंने जिंदगी ना मिलेगी दोबारा नाम से वाट्सएप ग्रुप भी बना रखा था और उस ग्रुप में 75 युवाओं को जोड़ा भी गया था। इस ग्रुप का मेंबर राशिद का मौसेरा भाई भी था। राशिद जेल में है और यहां परिजन बेहाल हैं और ये कह रहे हैं कि अगर राशिद गुनहगार है तो सजा दी जाए।
गौरतलब है कि आइएसआइ एजेंट राशिद फ्लैक्स लगाने का काम करता था। राशिद के रिश्तेदारों की बात करें तो इसकी चार मौसियां हैं और बड़ी मौसी हसीना जो कि अब पाकिस्तान के करांची में रहती है, राशिद की अपनी मौसी के बेटे से खूब बनती थी जो इसका हमउम्र था और मौसी के बेटे के वाट्सएप ग्रुप में भी अहम भागीदार थी हालांकि परिजन इसे बताने से बच रहे हैं लेकिन राशिद छुप छुप कर बात करता था। इस ग्रुप में भारत और अन्य देशों के युवाओं को जोड़ा गया था और इसका रिमोट कंट्रोल आईएसआइ के हाथ में था। एक पकड़ में आ चुका है और दूसरे ग्रुप की छानबीन जारी है, अब देखना ये होगा कि सामने निकलकर क्या आता है।