लखनऊ. यूपी के नोएडा में सोमवार को धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा हुआ. यूपी एटीएस की टीम ने दिल्ली के जामिया इलाके से दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया है. पिछले काफी समय से चलाए जा रहे इस रैकेट में अब तक 1 हजार से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण किया जा चुका है. आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं. जांच में पता चला है कि ये लोग गरीब मूक बधिर बच्चों और महिलाओं को लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराते थे. दोनों आरोपियों के खिलाफ लखनऊ के एटीएस थाने में मामला दर्ज किया गया है.
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि मूक-बधिर छात्रों और गरीब लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के मुफ्ती काजी जहांगीर (निवासी जोगाबाई, जामिया नगर, नयी दिल्ली) और मोहम्मद उमर गौतम (निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नयी दिल्ली) को एटीएस ने गिरफ्तार किया है.
सामने आया आईएसआई का हाथ
आरोप है कि पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई से इसके लिए फंडिंग हो रही थी. गुड़गांव के रहने वाले मूक बधिर मन्नू यादव का भी इन्होंने धर्मांतरण करवा कर दिया. एबीपी न्यूज ने बातचीत के दौरान मन्नू की मां और पिता ने कई खुलासे किए. मन्नू के माता-पिता का कहना है कि कुछ साल से मन्नू में बदलाव आने लगा था.
"कावड़ लेने जाता था मन्नू"
मन्नू के परिजनों का कहना है कि वो पहले कावड़ लेने जाता था. हनुमान जी को भी काफी मानता था, लेकिन वो अब अल्लाह की बातें करने लगा था. मन्नू के परिवार का आरोप है नोएडा की डेफ सोसायटी में इसके साथ पढ़ने वाले और भी कई दोस्तों का धर्मांतरण किया गया है. उन्होंने बताया कि मन्नू के पास पाकिस्तान से भी फ़ोन आते थे. परिवार ने मन्नू को काफी समझाने की कोशिश की गई, लेकिन उन लोगों ने उसका ब्रेन वॉश कर दिया. आखिरकार वो 16 अप्रैल को घर छोड़कर चला गया. परिजनों का आरोप है कि मन्नू को अच्छी नौकरी, पैसा और विदेश भेजने का लालच भी दिया गया था.
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