इसरो प्रमुख के सिवन बोले, ‘गगनयान’ भारत के लिए अति महत्वपूर्ण परियोजना
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सचिव ने गगनयान मिशन को देश के लिये बेहद महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों का एलान किया है. सिवन ने कहा कि अब निजी क्षेत्र को भी इसमें काम करने का मौका मिलेगा.
प्रयागराज. अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. के. सिवन ने शनिवार को कहा कि ‘गगनयान’ भारत के लिए अति महत्वपूर्ण परियोजना है क्योंकि इससे देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता बढ़ेगी.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये किया संबोधन
मुख्य अतिथि के रूप में यहां भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के 15वें दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए सिवन ने कहा कि 1960 के दशक में भारत जैसे देश में अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू करना एक सनक भरा विचार था, लेकिन डॉ. विक्रम साराभाई ने भारत के परिवर्तन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की संभावनाओं को देख लिया था.
उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया रक्षा के क्षेत्र में दबदबे के लिए अंतरिक्ष का उपयोग कर रही थी, डॉ. साराभाई ने सोचा कि विशाल आबादी और विविधता भरे भारत जैसे देश में तेज विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का मंच ही सबसे उपयुक्त मंच है.
सिवन ने कहा कि ‘गगनयान’ भारत के लिए अति महत्वपूर्ण परियोजना है क्योंकि इससे देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता बढ़ेगी.
403 विद्यार्थियों को डिग्री दी गईं
इस दीक्षांत समारोह में 403 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं. इसके अलावा, संस्थान ने मेधावी छात्र-छात्राओं को विभिन्न पदकों से सम्मानित किया और साथ ही 10 शोध छात्रों को पीएचडी की डिग्री दी गई.
सिवन ने कहा कि भारत सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों की घोषणा की है जिससे निजी क्षेत्र के लिए पहल करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है. इन सुधारों से निजी क्षेत्र, स्टार्ट-अप्स और अकादमिक क्षेत्रों को अंतरिक्ष मिशन शुरू करने की अनुमति होगी जिससे नवप्रवर्तन, तकनीकी विविधता और मानव संसाधन विकास को बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा कि हालांकि पिछली आधी सदी में जो भी प्रगति हुई है, उसके बावजूद गरीबी दूर करने, स्वास्थ्य सेवाओं तक गरीबों की पहुंच आदि जैसी कई समस्याएं दूर की जानी बाकी हैं.
विद्यार्थियों से अपील
सिवन ने कहा, “यहां से पढ़ाई पूरी कर बाहर निकल रहे विद्यार्थियों से मेरी अपील है कि हमारे देश के समक्ष इस तरह की जो भी समस्याएं है, उन्हें वे बड़ी शिद्दत से दूर करने की दिशा में काम करें.”
दीक्षांत समारोह में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पी. नागभूषण ने कहा कि सफलता गंतव्य नहीं है, बल्कि यह एक यात्रा है. सफलता की वजह प्रतिबद्धता और कठिन परिश्रम है.
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