इटावा: जसवंतनगर नगरपालिका के 25 सभासदों में से 20 ने इटावा जिलाधिकारी को सामूहिक इस्तीफा सौंपा है. नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी और चैयरमेन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि, वार्डो में जनहित के कार्य नहीं करा पा रहे हैं. जनता का सामना करना मुश्किल हो रहा है. वहीं इस संबंध में अधिशाषी अधिकारी ने कहां कुछ सभासद इस्तीफे देने की धमकी देकर गैरकानूनी कार्य करवाना चाह रहे हैं. यदि यह सब इस्तीफा देना चाहते है तो दे सकते हैं इस्तीफा देना इनका अधिकार है.


दरअसल, इटावा में जसवंत नगर नगरपालिका के चुने हुए 20 सभासदों ने 17 सामूहिक इस्तीफा दे दिया. बताते चलें आज इटावा जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे जसवंत नगर पालिका परिषद के 25 में से 20 सभासद इटावा कचहरी परिसर पहुंचे और जिलाधिकारी को जसवंत नगर नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी व चेयरमैन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सामूहिक इस्तीफा दे दिया.


जनहित का कोई कार्य नहीं हुआ- सभासदों का आरोप 


सभासदों का आरोप था कि पिछले 4 साल से जनहित के कोई भी कार्य उनके वार्ड में नहीं कराए जा रहे थे जिसके चलते जनता के सामने वह नहीं जा पा रहे थे. जिन वादों के साथ उन्होंने एसपी सदी का चुनाव जीता था वह वादे पूरे नहीं कर पा रहे थे. ऐसे में सभी 20 सभासदों ने एक राय होकर सामूहिक इस्तीफा देना उचित समझा. बताते चलें नगर पालिका परिषद के चुनाव में केवल एक वर्ष बचा है ऐसे में सभासदों के सामने यह दिक्कत आ रही थी कि वह दोबारा किस मुंह से जनता के सामने वोट मांगने जाएंगे.


गैर कानूनी कार्य कराने का दबाव बना रहे थे- अधिशासी अधिकारी


वहीं इस इस्तीफे को लेकर जब अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद जसवंतनगर से बात की गई तो उनका कहना था कि इनमें से कुछ सभासद गैर कानूनी अवैध कार्य करवाने का बराबर उन पर दबाव डाल रहे थे जिसके चलते यह सारा प्रकरण सामने आया है. इस्तीफा देना उनका अधिकार है अगर वह देना चाहे तो दे दें.


यह भी पढ़ें.


यह भी पढ़ें:
NHRC ने 'फर्जी मुठभेड़ों' के मामले पर असम के डीजीपी से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट, 4 सप्ताह का दिया समय


IN PICS: असम के मुख्यमंत्री की अनोखी पहल, गैंडों के 2479 सींग को जलाया गया, जानें वजह