उत्तराखंड: भारत-चीन सीमा पर लापता तीन पोर्टरों की मौत, बर्फ में दबे मिले शव
उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा पर लापता तीन पोर्टरों की मौत हो गई है. तीनों के शव ITBP की नीला पानी चौकी के पास बर्फ में दबे मिले हैं. नेता प्रतिपक्ष ने पोर्टरों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की है.
ITBP Porter Death: आईटीबीपी के लापता तीन पोर्टरों के शव बरामद कर लिए गए हैं. पोर्टरों के शव आइटीबीपी की नीला पानी चौकी से डेढ़ किलोमीटर दूर सीमा की ओर बर्फ में दबे मिले हैं. ये पोर्टर आईटीबीपी गश्ती दल के साथ सीमा पर गए थे. दरअसल, 15 अक्टूबर को आईटीबीपी की गश्त एलआरपी टीम के साथ तीन पोर्टर भारत-चीन नीलापानी अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए रवाना हुए थे. टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्टूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए. इन पोर्टरों को 18 अक्टूबर को वापस नीलापानी स्थित आईटीबीपी की चौकी पर पहुंचना था.
मृतकों में संजय सिंह (24), राजेंद्र सिंह (25) और दिनेश चौहान (23) शामिल है. तीनों पोर्टर उत्तरकाशी के रहने वाले थे. आईबीपीपी के जवान पोर्टरों के शवों को लेकर मातली कैंप पहुंचे हैं. एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से तीनों के शवों को कैंप लाया गया. इसके बाद सभी शवों को जिला अस्पताल ले जाया गया.
नेता प्रतिपक्ष ने की मुआवजे की मांग
मातली पहुंचे नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण समेत कई नेताओं ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान प्रीतम सिंह ने आईटीबीपी के पोर्टरों की मौत पर शोक जताया. उन्होंने कहा कि ये युवा रोजगार के लिए सीमा पर गए थे. प्रीतम सिंह ने प्रदेश सरकार से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि और परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग की है.
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