Bijnor Hijab Controversy: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक कॉलेज के प्रिसिपल ने छात्राओं को हिजाब पहनकर आने पर कॉलेज से बाहर निकाल दिया. इसके बाद प्रिंसिपल ने कहा कि अगर कॉलेज में आना है तो हिजाब को उतार ही कॉलेज के अंदर आना है. जिसके बाद इस घटन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. अब इत्तेहाद उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
बिजनौर के एक कालेज में छात्रों के हिजाब पहनकर आने पर स्कूल प्रधानाचार्य की तरफ से स्कूल से निकाले जाने पर इत्तेहाद उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने अपनी राय दी है. उन्होंने कहा कि कि इस सिलसिले में मैं यही कहना चाहूंगा कि ऐसे स्कूल के प्रधानाचार्य ने शायद सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नहीं पढ़ा, अगर नहीं पढ़ा तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ना चाहिए. संविधान को पढ़ें और संविधान को फॉलो करें.
मुफ्ती असद कासमी ने प्रिंसिपल को दी नसीहत
मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि अब से पहले भी इस मुल्क के अंदर इस प्रकार के मामवले उठाए गए हैं. इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था कि लड़कियां जो भी पहन कर आए उन पर स्कूल वाले किसी प्रकार की कोई पाबंदी न लगाएं. उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कुछ लोग ऐसे हैं, जो मुल्क के अंदर भाईचारा सुकून नहीं चाहते हैं. वह आपस में अफरा तफरी का माहौल देखना चाहते हैं. मुल्क के अंदर तरक्की नहीं देखना चाहते हैं.
''सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पढ़ें''
मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि ऐसे ही लोग इस प्रकार के मामले को हवा देते हैं, बढ़ावा देते हैं. उन्होंने कहा मेरा उन्हें मशवरा यह है कि सबसे पहले वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पढ़ें, संविधान को पढ़ें. कोई भी संदेश दें तो ऐसा संदेश दें जिससे मुल्क के अंदर शांती हो.
हिजाब पहनकर पहुंची छात्राओं को कॉलेज से बाहर निकाला
बता दें कि बिजनौर के एक कॉलेज में मंगलवार (13 अगस्त) कॉलेज के प्रिंसिपल ने कुछ छात्राओं को हिजाब पहनकर आने पर बाहर निकाल दिया. छात्राओं ने आरोप लगाया है कि कॉलेज के प्रिंसिपल ने हिजाब पहनने से मना किया है. यह मामला कोतवाली क्षेत्र के महुआ गांव के सरकारी जनता इंटर कॉलेज का है.
(बिजनौर से मुकेश गुप्ता की रिपोर्ट)
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