Ayodhya News: जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने पत्र लिख राम मंदिर ट्रस्ट के सामने रख दी ये मांग, चंपत राय को भेजी चिट्ठी
UP News: जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने राम जन्मभूमि आंदोलन के नायकों के नाम पर राम मंदिर के प्रवेश द्वार का नाम रखे जाने की मांग रखी है.
Ayodhya News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जनवरी 2024 में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इससे पहले अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहने वाले तपस्वी छावनी के संत जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने एक अजीबोगरीब मांग श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सामने रख दी है. जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपत राय को पत्र भेज कर अपनी मांग रखी है. जिसे ट्रस्ट भी आसानी से खारिज नहीं कर सकता है.
दरअसल तपस्वी छावनी के संत जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने पत्र लिख कर मांग की है कि राम मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि आंदोलन के नायकों के नाम पर राम मंदिर के प्रवेश द्वार का नाम रखा जाए. उनका कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ, विश्व हिंदू परिषद के संयोजक अशोक सिंघल और स्वर्गीय रामचंद्र परमहंस के राम मंदिर निर्माण के लिए अपना जीवन खपा दिया. उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपत राय के सामने इन तीनों राम मंदिर आंदोलन के महानायकों के नाम से प्रवेश द्वार बनाए जाने की मांग रखी है.
जगद्गुरु परमहंसाचार्य का कहना है कि अगर उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो वह अनशन पर भी बैठ सकते हैं. उनका कहना है कि राम मंदिर निर्माण से आज पूरा देश खुश है. वहीं इन तीन महापुरुषों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. ऐसे में इन तीनों ही महानायकों के नाम पर राम मंदिर के प्रवेश द्वार का नाम रखा जाना चाहिए. जगद्गुरु परमहंसाचार्य का कहना है कि अगर इसके लिए ट्रस्ट के पास पैसे की कमी होती है तो वह इसमें आर्थिक सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
इसके साथ ही उन्होंने पत्र में आगे इसी से जुड़ी एक और मांग की है. जिसमें उन्होंने श्री राम जन्मभूमि परिसर में पिछले 500 वर्षों में राम मंदिर के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले राम भक्तों के शिलालेख लगाने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि यह शिलालेख ऐसे स्थान पर लगाया जाए जो श्री राम मंदिर दर्शन मार्ग पर पड़ता हो, जिससे दर्शन करने जाने वाले राम भक्त ऐसे बलिदानी राम भक्तों का इतिहास जान सके.
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