Nitish Kumar: बिहार में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से किनारा कर एनडीए का दामन थाम लिया है. नीतीश ने रविवार को नौंवी बार सीएम पद की शपथ ली, जिस पर कई तरह के बयान सामने आ रहे हैं. इंडिया गठबंधन के दल नीतीश के इस फैसले का आलोचना कर रहे हैं. इस बीच जगदगुरू रामभद्राचार्य ने भी नीतीश के बीजेपी के साथ जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
NDA में शामिल होने के बाद नीतीश कुमार के बिहार के सीएम पद की शपथ लेने पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, "जो कुछ भी हो रहा है अच्छा है. राजनीति में ये सब होता रहता है.. नीतीश कुमार को वहां सम्मान नहीं मिल रहा था...वो पलटूराम तो हैं अब सही-सही रामजी के चरणों में पलट गए. जब रावण का भाई विभीषण राजनीति में रामजी के शरण में आ सकता है तो फिर नीतीश के आने में क्या अंतर पड़ता है."
सपा-कांग्रेस ने की नीतीश के फ़ैसले की आलोचना
नीतीश कुमार ने रविवार सुबह सीएम पद से इस्तीफा दिया, जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया और शाम होते-होते उन्होंने नौंवी बार सीएम पद की शपथ ली. नीतीश के इस फ़ैसले से इंडिया गठबंधन को करारा झटका लगा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे विश्वासघात बताया और बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, "भाजपा अपने जीवनकाल में इतनी कमज़ोर कभी नहीं थी, जितनी आज हो गयी. आज विश्वासघात का नया कीर्तिमान बना है. जनता इसका करारा जवाब देगी. कोई आप पर विश्वास न करे, एक व्यक्ति के रूप में किसी की इससे बड़ी हार और कुछ नहीं हो सकती."
इधर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नीतीश कुमार के इस कदम की आलोचना की और कहा, यह साफ है कि 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से ध्यान भटकाने के लिए यह ‘‘राजनीतिक नाटक’’ किया जा रहा है. यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी जल्द ही बिहार में प्रवेश करने वाली राहुल गांधी की यात्रा से ‘‘घबराए हुए’’ हैं.