Ram Mandir Inauguration Invitation: कांग्रेस पार्टी ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के न्योते को ठुकरा दिया है, और इस समारोह का बीजेपी का कार्यक्रम बताया है, जिसे लेकर सियासत तेज़ हो गई है. देश के तमाम बड़े साधु-संतों ने कांग्रेस के इस फ़ैसले की आलोचना की है. इसी कड़ी में जगतगुरु परमहंस आचार्य ने भी कांग्रेस के फैसले को गलत बताया और कहा कि अब वक़्त आ गया है कि भारत कांग्रेस मुक्त हो. 


जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कांग्रेस पार्टी द्वारा राम मंदिर का न्योता ठुकराने पर कहा, 'कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मैं कहना चाहता हूं कि नहीं आना था तो उनको निमंत्रण कार्ड ही नहीं लेना चाहिए था, क्या इनको इतना दिमाग नहीं है कि जब निमंत्रण कार्ड आपने स्वीकार कर लिया तो उसके बाद आप कह रहे हैं नहीं आएँगे, क्या आपको ये सोचने-समझने इतना समय लग गया.' 


कांग्रेस की कैंसर से तुलना की
जगतगुरु ने कहा, दरअसल 'कांग्रेस पार्टी ने रामसेतु को लेकर कहा था कि भगवान राम कोई थे ही नहीं.. ये काल्पनिक है. ये राम मंदिर में टांग अड़ाने वाले लोग हैं और कांग्रेस पार्टी की स्थिति अब ऐसी हो गई है जैसे शरीर के किसी भाग में कैंसर बढ़ जाता है तो जब उसका कोई ट्रीटमेंट नहीं बचता तो उसे काटना पड़ता है. जैसा कि पीएम मोदी ने कहा था कि भारत को कांग्रेस मुक्त होना चाहिए, तो अब वो वक़्त आ गया है कि भारत को कांग्रेस मुक्त कर दिया जाए.' 



'बीजेपी का विरोध करते-करते राम का विरोध'
जगतगुरु परमहंस आचार्य ने आगे कहा कि, 'कांग्रेस पार्टी भाजपा का विरोध करते-करते राम का विरोध करने लग जाते हैं और राष्ट्र का विरोध करते हैं. उन्हें ये पता होना चाहिए कि राम हिन्दुओं के भगवान होने के साथ मानव मात्र के आदर्श हैं. इस्लामिक देशों में भी राम को अपना पूर्वज माना जाता है. फारुख अब्दुल्ला भी कह चुके हैं कि मुसलमानों के भगवान भी राम हैं वो हमारे पूर्वज हैं. इंडोनेशिया में भी राम को अपना पूर्वज कहा जाता है. भगवान राम तो भारत के राजा हैं. जिस राम राज की आज पूरे विश्व में चर्चा हो रही है जो करोड़ों वर्ष पहले थे, तब से आजतक राम राज की चर्चा होती है. रामजी हमारे राष्ट्र के गौरव हैं.' 


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