एबीपी गंगा, कानपुर उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े शहरों में से एक है। ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ इस शहर का भौगोलिक महत्व भी है। यहां घूमने के लिए काफी जगहें हैं जहां आप अलग अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। इतिहास के पन्नों में भी कानपुर को अलग स्थान प्राप्त है। मन्दिरों के लिए कानपुर फेमस, लेकिन यहां कुछ जगहें ऐसी भी हैं जिसे एक बार जरूर देखना चाहिए। तो चलिए हमारे साथ यूपी के सबसे बड़े शहरों में से एक कानपुर के सफर पर। कानपुर अपने घाटों के लिए भी जाना जाता है। यहां कई घाट हैं जिनका इतिहास बड़ा ही रोचक है। इसमें सबसे पहले नाम आता है बिठूर के ब्रह्मावर्त घाट का। मान्यता है कि ये दुनिया का केंद्र है। बिठूर के विषय में कहा जाता है कि ब्रह्मा ने यहीं पर सृष्टि रचना की थी और अश्वमेध यज्ञ किया था। यज्ञ के स्मारक स्वरूप उन्होंने घोड़े की एक नाल स्थापित की थी, जो ब्रह्मावर्त घाट के ऊपर आज भी विद्यमान है। 1818 में तृतीय मराठा युद्ध में हारने के बाद अंग्रेजों से पेंशन लेकर बाजीराव ने बिठूर में रहने का निर्णय किया था। पेशवा के आगमन से वहां के इतिहास में जो नवीन अध्याय प्रारंभ हुआ। यहां पर कुल 52 घाट है, जिनके सौदर्यीकरण का काम चल रहा है।


सरसैया घाट



सरसैया घाट कानपुर के सबसे शांत जगहों में से एक है। गंगा का सुंदर किनारा और मंद गति से बहती हवा यहां आपको ऊर्जा से भर देती है। यहां आसपास उछलते कुदते बंदरों को देखकर मन मस्ती से भर जाता है।


मैस्कर घाट



अब बात करते हैं मैस्कर घाट की। ये घाट जाना जाता है 1857 की क्रांति के लिए। जिनको भी इतिहास से लगाव है और जो लोग ऐतिहासिक स्थल पर यात्रा करना चाहते हैं, तो उन्हें मैस्कर घाट पर बहुत कुछ मिल सकता है।


चिड़िया घर



कानपुर का चिड़िया घर इंडिया के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। लगभग 190 एकड़ में फैला इस चिड़ियाघर में आपको बहुत से जानवर देखने को मिल जाएंगे। यहां आपको गैंडा, बाघ, शेर, और तमाम चरह की अन्य प्रजातियों के जीव भी देखने कतो मिलेंगे। खास बात ये है कि यहां पशु-पक्षियों के संरक्षण का भी खास ध्यान रखा जाता है, और इतनी हरीयाली कानपुर में शायद ही आपको कहीं और देखने को मिले।


माल रोड



माल रोड को परिवहन के बनाया गया था ताकि लोगों को आवागमन में सुविधा मिल सके। यहां आपको एक से बढ़कर एक दुकानें मिलेंगी जहां से मनचाही शॉपिंग की जा सकती है। तो कानपुर आते हैं और शॉपिंग का मन है तो इस जगह को जरूर ट्राई करें। कानपुर के मेस्टन रोड फेमस है लेदर के सामान के लिए। यहां से आप सस्ते दाम में बढ़ियां क्वालिटी के बेल्ट, जूते, पर्स और अन्य लेदर के सामान खरीद सकते हैं। कानपुर में बहुत सारे मॉल है लेकिन रेव फ्री यहां के लोगों के लिए बहुत स्पेशल है, इसका रीजन ये है कि ये कानपुर का पहला मॉल था साल 2001 में शुरू हुआ था। यहां पर खरीदारी करते हुए अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के उत्पाद खरीद सकते हैं। इतना ही नहीं food courts भी हैं जहां आप स्वादिष्ट खाने का मजा भी ले सकते हैं। यहां आने के बाद वक्त कैसे बीत जाता है आपको पता ही नहीं चलेगा।


आनंदेश्वर मंदिर



आनंदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। 18वीं सदी में बने इस मंदिर में मान्यता है कि यहां शिवजी साक्षात अवतरित हुए थे। महाभारत काल के दौरान दानवीर कर्ण यहां पूजा किया करते थे और इसी जगह आनंदी नाम की गाय ने अपने सारे दूध का रिसाव कर दिया था। गाय के मालिक ने जब ये नजारा देखा और खुदाई करवाई तो यहां शिवलिंग मिला, जिसे लाख कोशिशों के बाद भी हटाया नहीं जा सका। गाय के नाम से ही इस आनंदेश्वर मंदिर की स्थापना की गई।


ब्लूवर्ल्ड थीम पार्क



ब्लूवर्ल्ड थीम पार्क में आपको एक से बढ़कर एक चीजें देखने को मिल जाएंगी। फव्वारा, 7डी थिएटर, लंदन ब्रिज और यहां राइड्स भी एक से बढ़कर एक हैं। फैमली के लिए तैरने की कुर्सी, ट्रैकिंग कार,  कोलंबस एक से बढ़कर एक चीजें यहां आपको पूरा मजा देंगी। जोइंट विल पर बैठकर आपको ये पता चलता है कि ये पार्क कितना बड़ा है और कितना खूबसूरत भी। कभी कानपुर आइए तो इस जगह को एक्सपलोर जरूर करें।


ग्रीन पार्क



ग्रीन पार्क इंडिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम माना जाता है। 1945 में ये स्टेडियम में बना था। यहां लगभग 48 हजार लोगों के बैठने की जगह इसे और भव्य बनाती है। यहां पर टेस्ट, वन-डे मैच, टी20 मैच होते हैं, और कई बार आप संडे को यहां आएंगे तो देखेंगे कि छोटे-छोटे बच्चे यहां कैसे अभ्यास करते हैं।


 क्राइस्ट चर्च



कानपुर सभी धर्मों को अपने में समेटे हुए है। साथ आगे बढ़ने की कला कानपुर की सांझी विरासत है और उदाहरण है क्राइस्ट चर्च। इसे प्रेम का प्रतीक के तौर पर भी देखा जाता है। सर्व धर्म की संभाव की जो संभावना है उसको कानपुर ने बहुत ही खूबसूरती से अपनाया है।


जेके ट्रस्ट



कानपुर आएं और जेके टेंपल को न देखें तो सफर अधूरा ही माना जाएगा। जेके ट्रस्ट ने इस मंदिर को 1953 में बनवाया था। 1960 में आम जनता के लिए इसे खोला गया। यहां आपको राधा, कृष्ण, हनुमान और सारे देवी देवताओं की बेहद सुंदर मूर्तियां देखने को मिलेंगी। यहां जन्माष्टमी का भव्य आयोजन होता है। मंदिर की चारों ओर बागीचा है....जहां आप घंटो वक्त बिता सकते हैं।


पनकी वाले हनुमान मंदिर



पनकी वाले हनुमान मंदिर कानपुर में बहुत फेमस हैं। माना जाता है कि ये मंदिर 400 साल पुराना है। ये भी मान्यता है कि यहां स्थापित हनुमान जी की मूर्ती हर प्रहर में अलग प्रतीत होती है। मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है। इस मंदिर के आसपास आपको बंदर अटखेलियां करते नजर आएंगे, लेकिन खास बात ये है कि ये बंदर भक्तों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। भक्त इन्हें खुश होकर कुछ न कुछ खिलाते जरूर हैं।


मॉल और बाजार तो हर शहर में होते हैं। कानपुर में भी है लेकिन अगर आपको लोकल फील लेनी है तो आप शिवालय आ सकते हैं। कहते ये कि ये मार्किट 150 साल पुरानी है और यहां से पूरे देश में व्यापार होता है। इस बाजार में शिवजी के साथ-साथ रावण का भी मंदिर है जिसे देखने लोग दूर-दूर से आते हैं।