Chaitra Navratri 2023: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह (Jaiveer Singh) ने नवरात्रि (Navratri 2023) के पहले दिन लखनऊ के काली बाड़ी मंदिर (Kali bari Temple) में दर्शन पूजन किया. उन्होंने मंदिर में दुर्गा सप्तशती (Durga Saptshati) का पाठ भी किया. इस दौरान मंत्री जयवीर सिंह ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जो लोग नवरात्रि में सरकार द्वारा दुर्गासप्तशति पाठ पर राजनीति कर रहे थे वो हाल ही में पश्चिम बंगाल में इन्ही माता के मंदिर में नमन और वंदन कर रहे थे.
दरअसल, यूपी सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की तरफ से सभी जिलों में सरकारी खर्च पर मंदिरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ कराने को कहा गया है. इस बीच नवरात्र के पहले दिन काली बाड़ी मंदिर पहुंचे मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि जन-जन के कल्याण के लिए हम माता के चरणों में प्रार्थना करते हैं कि हमारा राष्ट्र एकता, अखंडता और मजबूती के साथ विश्व गुरु बने. मां का आशीर्वाद सभी को मिले, सभी लोग निरोगी रहें, लोक कल्याण हो.
विपक्षी दलों पर साधा निशाना
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा आज नवरात्र का पहला दिन है. दुर्गा सप्तशती का पाठ सभी मंदिरों में किया जा रहा है. सरकार की तरफ से भी मंदिरों में दुर्गा सप्तशती पाठ के लिए 9 दिनों तक करने का निर्णय लिया गया है. हमारा प्रयास है की सनातन संस्कृति मजबूत होगी, तभी राष्ट्र मजबूत होगा और राष्ट्रीय मजबूती के लिए लोक कल्याण की भावना के साथ हम माँ के दरबार में हाजिर है. इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए. इस पर सियासत करने वाले लोग भी हाल ही में पश्चिम बंगाल में जाकर इन्हीं मंदिरों में नमन वंदन कर रहे थे.
यूपी के मंत्री ने कहा कि इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए, यह आत्मिक भाव का विषय है. सनातन संस्कृति को मजबूत करने का विषय है, पुरातन संस्कृति को ताकत देने का विषय है. हमारी विरासत को सुरक्षित संरक्षित रखने का विषय है. जब तक यह संरक्षित रहेगी तब तक लोक कल्याण के साथ राष्ट्र का कल्याण होगा और देश विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता प्राप्त करेगा.
इस मामले पर न हो सियासत
इस मामले पर मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचे भक्तों ने कहा कि हम लोग तो वैसे ही मां का आशीर्वाद लेने आते हैं, लेकिन सरकार की तरफ से भी इस तरह पूजा पाठ का आयोजन किया जाना एक अच्छा प्रयास है. कई भक्तों ने कहा कि ये काम तो बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था. अगर अब ऐसे आयोजन सरकार करा रही तो सभी को स्वागत करना चाहिए. जिसकी श्रद्धा और आस्था हो वो शामिल हों, जिसे नहीं शामिल होना कोई बाध्यता नहीं है, लेकिन कम से कम सियासत नहीं की जानी चाहिए.
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