Sawan Shivratri 2023: सावन की शिवरात्रि पर भगवान शिव को जलाभिषेक करने का है विशेष महत्व, जानें कैसे होगी मनोकामना पूरी
Uttarakhand News: सावन महीने की शिवरात्रि का उत्साह श्रद्धालुओं में चरम पर है. हरिद्वार के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. भक्तों को बारी-बारी से मंदिर में भेजा जा रहा है.
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Sawan Shivratri 2023: आज सावन की शिवरात्रि यानी शिव की भक्ति का सबसे से अच्छा दिन है. मान्यता है कि सावन की शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. हरिद्वार के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. श्रद्धालु भगवान का जलाभिषेक कर सुखमय जीवन की कामना कर रहे हैं. शिव मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए लाइन की व्यवस्था की गई है. मंदिर समिति के लोग बारी-बारी से श्रद्धालुओं को भगवान शिव का दर्शन करने देने जा रहे हैं.
आज है शिव की भक्ति का सबसे से अच्छा अवसर
श्रद्धालुओं में पुरुषों के साथ महिलाओं की भी बड़ी तादाद है. सावन महीने की शिवरात्रि का उत्साह श्रद्धालुओं में चरम पर है. दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल के पुजारी विसवेश्वर पुरी का कहना है कि सावन भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है. उन्होंने राजा दक्ष को सावन के एक महीने कनखल में निवास करने का वचन दिया था.भगवान शिव सावन के पूरे महीने ससुराल कनखल से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण करते हैं.
सावन की शिवरात्रि पर शिव मंदिरों में उमड़ी भीड़
पुजारी विसवेश्वर पुरी ने बताया कि भगवान शिव ससुराल में एक महीने के लिए विराजमान हो गए हैं. आज सावन मास की पहली शिवरात्रि है. भक्त भगवान शिव के आगमन का स्वागत करते हैं. सावन के महीने में भगवान शिव की जटा से गंगा अवतरित हुई थी. इसलिए सावन के महीने में गंगा जल, दूध, दही, शहद भूरा गन्ने के रस और भांग धतूरे से भगवान शिव की पूजा की जाती है. उन्होंने कहा कि सावन मास की शिवरात्रि पर भगवान शिव को जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है. भगवान शिव का जलाभिषेक करनेवाले श्रद्धालुओं की मन की मुराद पूरी होती है.
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