Jalaun Cow Safari: इटावा जनपद (Etawah District) की 'लॉयन सफारी' (Lion Safari) के तर्ज पर अब जालौन (Jalaun) में 'काऊ सफारी' (Cow Safari) का मजा भी लिया जा सकेगा. जिला प्रशासन की तरफ से इसे लेकर कार्य योजना तैयार की गई है. इस योजना को इसी महीने के आखिर तक धरातल पर उतारा जाएगा. 'काऊ सफारी' बनने से जिले में आवारा पशुओं पर रोकथाम तो लगेगी ही, इसके साथ ही बेसहारा पशुओं को एक स्थाई जगह मिल सकेगी जहां वो आसरा ले सकेगे.


जालौन में जल्द लीजिए 'काऊ सफारी' का मजा
दरअसल यूपी चुनाव में इस बार बीजेपी सरकार (BJP Minifesto) के मेनिफेस्टो में अन्ना पशु भी शामिल था. सरकार की दिलचस्पी के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि गौवंश की सुरक्षा को लेकर सरकार बड़ा कदम उठा सकती हैं. हालांकि, इसकी झलक जालौन में दिखनी शुरु हो गई है और लगभग 150 हेक्टेयर के बीच में जल्द ही 'काऊ सफारी' का नजारा देखने को मिल सकता है. जिले के मुख्यालय उरई में 'काऊ सफारी' बनाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कवायद शुरु कर दी गई है. नवीन गल्ला मंडी के समीप ग्राम रगौली में बंजर पड़ी वन विभाग की भूमि पर इसकी आधार शिला रखी जायेगी. इसका दायरा 150 हेक्टेयर के बीच तय किया गया है. वहीं, ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि 'काऊ सफारी' बनने के बाद आवारा पशुओं से निजात मिल सकती हैं. 


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डीएम ने दी इस योजना को लेकर जानकारी
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने इस योजना के बारे में बताते हुए कहा कि वर्तमान में जिले में सात कान्हा गौशाला एवं 360 अस्थाई गौशालाएं हैं. जिनमें क्षमता के लिहाज से पशुओं को रखा जा रहा हैं. जिले में आवारा पशुओं से निजात मिल सके इसके लिए वन विभाग की भूमि पर 'काऊ सफारी' की कार्ययोजना तैयार की गई हैं. वन विभाग और मंडी समिति के द्वारा भूमि की पैमाइश कर ली गई है. इसके बाद आगे की रूपरेखा पर कार्य किया जाएगा. इसमें लगभग 2 से 3 हजार के बीच पशुओं को रखा जायेगा. 


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