जालौन, एबीपी गंगा। लॉकडाउन के दौरान जालौन के डीएम के तुगलगी फरमान की चौतरफा कड़ी निंदा हो रही है। दरअसल, यहां के डीएम डॉ. मन्नान अख्तर का बेतुका बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने रेड जॉन एरिया में रहने वाले लोगों के ऊपर अपना एक आदेश थोप दिया है। उन्होंने लोगों को कम से कम 500 रुपये का राशन, 200 रुपये के फल व 100 रुपये की सब्जी के साथ 1 लीटर दूध लेने की अनिवार्यता कर दी है।


बता दें कि जालौन के उरई में कोरोना के 3 मरीज मिलने के बाद जिलाधिकारी ने उरई शहर को दो भागों में बांट दिया है और जिस एरिया में कोरोना पॉजीटिव मरीज मिले हैं, उस एरिया को रेड जॉन घोषित करते हुए उसे पूरी तरह से सील कर दिया है। उस एरिया में रहने वालों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए है। जिन नंबरों पर कॉल कर नगर के लोग अपना राशन, फल, सब्जी दूध व अन्य जरूरी सामान मंगवा सकते है, लेकिन इसके लिए डीएम ने अपनी तरफ से नगर के लोगों के लिए एक शर्त लगा दी है।


इस शर्म के मुताबिक, रेड जोन में रहने वाले लोगों को कम से कम 500 रुपये का राशन मांगने पर ही राशन भिजवाया जायेगा। इससे कम का नहीं। इसी प्रकार 200 रुपये फल के लिए और 100 रुपये सब्जियों के लिए निर्धारित किये हैं। इससे कम पैसों का सामान मंगवाने पर प्रशासन के द्वारा सामान नहीं भेजा जायेगा।


ऐसे में अब सवाल यह है कि गरीब तबके का वो व्यक्ति जिसकी आर्थिक स्थिति एक बार में 500 रुपये का राशन और 200 रुपये के फल मंगवाने की नहीं है, वह इन परिस्थितियों में क्या करेगा? जिलाधिकारी के इस फरमान को जिले के वाशिंदो ने तुगलकी फरमान बताते हुए इसे जबरन थोपने का आरोप लगाया है। लोगों ने कहा है कि ऐसे समय में 500 रुपये का राशन लेना गरीब तबके के लिए बड़ी बात है। वहीं, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनुज मिश्रा ने जिलाधिकारी के इस फरमान को तुगलकी फरमान कहा है। 


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