जालौन: कोरोना संक्रमण से लगातार बढ़ रहीं मरीजों की संख्या और मौतों में इजाफे को लेकर बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी जालौन ने राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के साथ-साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता और साफ-सफाई को लेकर भी निर्देश दिए.
64 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत
बता दें कि, जालौन में कोरोना मरीजों की संख्या एक हजार के पार पहुंच गई हैं और 64 से ज्यादा मौतें भी हो चुकी हैं. इस बात को संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बृहस्पतिवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया. डीएम ने वहां प्राचार्य के साथ मौजूद स्टाफ से साथ बैठक की और स्वास्थ्य सेवाओं की बारीकी से जांच की. इसके साथ ही ऑक्सीजन रूम में जाकर ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था की पड़ताल भी की. जिले में ऑक्सीजन की सप्लाई की जिम्मा गौरी सप्लायर को है जिसने एक हफ्ते से सप्लाई नहीं दी है. डीएम ने फोन से बात कर ऑक्सीजन भिजवाने की बात कही और न देने पर सप्लायर के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने की बात कही.
जवानों की होगी तैनाती
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कंट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए. डीएम ने मेडिकल कॉलेज में तैनात मेडिकल स्टाफ के बारे में जाना और सारे स्वाथ्यकर्मियों से अपनी जिम्मेदारी निभाने की बात कही. मरीजों को मिलने वाली ऑक्सीजन को लेकर बड़ी बात कहते हुए अधिकारी ने कहा कि ऑक्सीजन की पूर्ति करने वाले वाहनों में जीपीएस लगाया जाएगा ताकि उसकी लोकेशन का पता चल सके. इसके साथ ही सुरक्षा के लिए पुलिस और पीआरडी के जवानों की तैनाती भी की जाएगी.
मरीजों को मिलेगी सुविधा
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में कंट्रोल रूम की स्थापना करने के निर्देश दिए गए हैं और डॉक्टरों को इसकी निगरानी करने के लिए कहा गया है. इससे होम आइसोलेशन के मरीजों को टेली कन्सलटेंट की सुविधा मिल सकेगी. ऑक्सीजन की समस्या आ रही थी लेकिन उसके लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं जिससे समय से आपूर्ति मिलती रहे. मरीजों की तरफ से साफ सफाई की शिकायतें आ रहीं थीं इसे लेकर भी निर्देश दिए गए हैं.
जल्द लगने जा रहा है ऑक्सीजन प्लांट
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कहा कि डॉक्टर समय-समय पर मरीजों को ट्रीटमेंट देते रहें ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीज डिस्चार्ज होकर घर जाएं. इसके अतिरिक्त ये प्रयास भी किया जा रहा है कि जो गाड़ियां ऑक्सीजन लेकर आ रही हैं उनमें जीपीएस लगवाए जाएं और पीआरडी जवानों को इसकी सुरक्षा में लगाया जाएगा ताकि ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति मिलती रहे. जिले में जल्द ही ऑक्सीजन प्लांट लगने जा रहा है जिससे मेडिकल कॉलेज के मरीजों को यहीं से ऑक्सीजन मिलनी शुरू हो जाएगी.
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