UP News: यूपी के जालौन (Jalaun) के एक स्कूल की मिड-डे-मील (Mid Day Meal) की थाली की तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया (Social Media) पर छाई हुई है. लोग सोशल मीडिया पर स्कूली बच्चों की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं जिसके बाद जालौन का मलकपुरा गांव (Malakpura Village) और यहां के प्रधान सुर्खियों में आ गए. ग्राम प्रधान ने सरकार के द्वारा संचालित मिड-डे-मील को मॉडिफाई कर उसमें ऐड ऑन का ऑप्शन कर दिया है जिसके बाद बच्चों को उनका मनपसंद खाना दिया जा रहा है.
गुजरात के 'तिथि मॉडल' से प्रेरित है यह मिड-डे-मील
जालौन के मलकपुरा ग्राम प्रधान ने मिड-डे-मील की तस्वीर बदल दी है. पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना हुनर आजमाने के बाद 2021 में अमित ने मलकपुरा गांव की कमान संभाली और इसके बाद लगातार गांव और स्कूल को दशा बदलने का प्रयास कर रहे हैं. इस दिशा में उन्होंने काफी रिसर्च किया जिसके बाद गुजरात में लागू तिथि मॉडल को अपने स्कूल में लागू किया. उन्होंने बच्चों के मिड-डे-मील को मॉडिफाई कर उसमें ऐड ऑन का ऑप्शन जोड़ दिया. इस ऑप्शन के तहत कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से भागीदारी कर सकता है और मिड-डे-मील में अपनी पसंद का खाना दे सकता है. जिसका फायदा यह हुआ कि स्कूली बच्चों को अब महीने में दो से चार बार मटर पनीर, छोले, पूरी, मिठाई, मिल्क शेक, पाइनएप्पल जूस, केला और लड्डू खाने को मिलता है. इस काम की तारीफ सोशल मीडिया पर जमकर हो रही है. वहीं छात्रों ने बताया कि हमें महीने में दो से चार बार ये सारी चीजें खाने को मिलती हैं.
जन भागीदारी से हुआ संभव - ग्राम प्रधान
गांव के प्रधान अमित ने बताया कि स्कूल में मिड-डे-मील विधिवत तरीके से संचालित किया जा रहा है लेकिन गुजरात के मॉडल को अपनाते हुए हमने स्कूल में तिथि मॉडल को लागू कर मिल में ऐड ऑन का ऑप्शन जोड़ दिया है. इस ऑप्शन की मदद से बच्चों को तरह-तरह के भोजन खाने को मिलते हैं वही जन सहभागिता और लोगों की मदद से यह सब संभव हो पा रहा है. बच्चों के तकनीकी शिक्षा को लेकर कई सारे बदलाव किए जा रहे हैं. बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा से लेकर स्पोर्ट्स के मैदान में भी तैयार किया जा रहा है. वहीं प्रिंसिपल श्यामा देवी का कहना है कि हमारे यहां इस समय 97 बच्चे नामांकित हैं, बच्चों के भोजन को लेकर हमारे प्रधान जी सहयोग करते हैं.
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