Jalaun News: रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके दीर्घायु होने की कामना करती हैं. भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा वर्षों से चली आ रही हैं. लेकिन इस त्योहार को लेकर एक किदवंती यूपी के जालौन से भी जुड़ी हुई हैं. यहां पर एक ऐसी इमारत मौजूद है, जहां अगर भाई-बहन एक साथ जाएं तो वो पति-पत्नी के बंधन से बंध जाते हैं. वहीं यहां के लिए 7 फेरों के रूप में चक्कर लगाने पड़ते हैं. हिंदू धर्म में 7 फेरों का मतलब शादी से होता है. इसलिए यहां पर भाई बहन का एक साथ जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है.
दरअसल जालौन के कालपी में मौजूद 210 फीट ऊंची लंका मीनार का निर्माण वकील बाबू मथुरा प्रसाद निगम ने कराया था. इस मीनार को तैयार होने में 20 साल से ज्यादा का वक्त लगा था. इस मीनार की खास संरचना की वजह से यहां भाई-बहनों का प्रवेश वर्जित है. दिल्ली के कुतुब मीनार के बाद यह सबसे ऊंची मीनार है. इसका निर्माण कराने वाला शख्स रामलीला में रावण की भूमिका निभाता था. उसे रावण से इतना लगाव था कि उसने लंका नाम से ही मीनार का निर्माण कराया. इसलिए यहां के लोग इस रीति-रिवाजों का सदियों से पालन करते चले आ रहे हैं.
रावण की याद में इस मीनार का हुआ निर्माण
बुंदेलखंड के प्रवेश द्वार कालपी में स्थित इस मीनार के अंदर रावण के पूरे परिवार के चित्र बनाए गए हैं. वैसे मीनार ज्यादा बड़ी नहीं है, लेकिन अपनी अजीब मान्यता की वजह से ये जगह एक टूरिस्ट स्पॉट में बदल चुकी है. वहीं, जानकारी के मुताबिक यह मीनार 1857 में मथुरा प्रसाद नामक एक व्यक्ति द्वारा बनवाई गई थी. मथुरा प्रसाद ने रावण की याद में इस मीनार का निर्माण करवाया था. इसलिए इसका नाम ‘लंका मीनार’ रखा गया.
रावण का किरदार मन को भाया तो बना दी लंका
मथुरा प्रसाद रामलीला में ज्यादातर रावण का किरदार करते थे. ऐसा कहा जाता है कि रावण की भूमिका ने उनपर इतनी बड़ी छाप छोड़ी कि उन्होंने रावण की याद में एक मीनार बनवा डाला. लंका मीनार को बनाने में 20 साल का समय लगा था. टावर की ऊंचाई 210 फीट है. इस मीनार को बनाने में उस समय लगभग 2 लाख रुपये का खर्च आया था.
रावण के साथ यहां बसता है, उसका परिवार
यहां कुंभकरण और मेघनाथ की बड़ी मूर्तियां भी स्थापित की गई है. कुंभकरण की मूर्ति 100 फीट ऊंची है, तो वहीं मेघनाथ की मूर्ति 65 फीट है. यहां आप भगवान शिव के साथ-साथ चित्रगुप्त की मूर्ति को भी देख सकते हैं. यहां 180 फीट लंबी नाग देवता की भी मूर्ति को स्थापित किया गया है. रावण क्योकि भगवान शिव का भक्त था मंदिर होने ही यह भी एक वजह हो सकती है.
इस खास वजह से भाई-बहन का एक साथ जाना है मना
लंका मीनार को लेकर एक अजीब मान्यता ये भी है कि यहां मीनार में भाई बहन एक साथ ऊपर नहीं जा सकते हैं. असल में, मीनार के ऊपर जाने के लिए 7 परिक्रमाओं को पूरा करना पड़ता है, जिसे भाई-बहन द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता है. चूंकि हिंदू धर्म में 7 फेरों का मतलब पति पत्नी के रिश्ते से होता है. यही कारण कि मीनार के ऊपर एक साथ भाई बहनों का जाना मना है. इसे मान्यता को आप भी कुछ कह लें, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा इसका पालन सालों से किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2024: अलीगढ़ में कड़ी सुरक्षा के बीच राखी लेकर जेल पहुंची बहनें, भाइयों से मिलकर हुईं भावुक