UP News: उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanth) के नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार (Corruption) को खत्म करने के लाख दावे करती हुई नजर आ रही हो लेकिन सरकार के ये सारे दावे जनपद जालौन (Jalaun) में खोखले साबित हो रहे हैं. अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत से लाखों का बंदरबांट किया जा रहा है. यहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है.
मरे हुए व्यक्ति के नाम पर मनरेगा से निकल रहा पैसा
मनरेगा की शुरुआत बेरोजगार गरीबों के कल्याण के लिए की गई थी, लेकिन सरकार के विकास की यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. कहीं फर्जी जॉब कार्ड बनाकर गरीबों के हक की रकम अमीरों के हवाले कर दी गई तो कहीं कागजों में विकास की गंगा बहाकर धन का गबन हुआ. सबसे ज्यादा गौर करने की बात यह है कि आठ साल पहले मर चुके व्यक्ति के नाम पर मनरेगा से पैसे लिए जा रहे हैं.
डीएम ने जांच बिठाने की बात कही
मामला कदौरा विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत तिरही का है. जहां के एक जागरूक ग्रामीण ने अपने ग्राम पंचायत में हो रहे भ्र्ष्टाचार की जांच कराने की मांग की है. आरोपों में विकास खंड अधिकारी एवं ग्राम पंचायत अधिकारी और रोजगार सेवक की मिलीभगत के चलते मृत लोगों के नाम मनरेगा योजना के तहत भुगतान कर लाखों के वारे-न्यारे किए जा रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले में डीएम चांदनी सिंह ने बताया कि जांच समिति गठन किया जाएगा और जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी. यह पूरी तरह से गलत है. अगर कोई व्यक्ति मर गया है तो उसका मास्टर रोल नहीं निकाला जा सकता है.
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