जालौन: विश्व जल दिवस पर जालौन के मुख्यालय उरई कोतवाली के अंतर्गत मंगराया में विलुप्त होती नदी के संरक्षण का कार्य शुरू किया गया. शासन की तरफ से चलाए जा रहे जल शक्ति अभियान कार्यक्रम के तहत डकोर विकासखंड के ग्राम कुकरगांव से निकली नून नदी के किनारे सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा समेत डीएम प्रियंका निरजंन की अगुवाई में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां विधायक और डीएम ने नदी में फावड़ा चलाकर श्रमदान किया. साथ ही उन्होंने नदी और जल संरक्षण की इस मुहिम में लोगों से जुड़ने की अपील की.


नदी के संरक्षण का काम शुरू
बता दें कि, जालौन से निकली नून नदी विलुप्त होती जा रही है. जालौन के 89 किलोमीटर के दायरे में फैली इस नदी से करीब 30 गांवों की फसलें सिंचित होती थीं. लेकिन, बुंदेलखंड में पड़ रहे सूखे के कारण ये नदी विलुप्त होती जा रही थी. सोमवार को विश्व जल दिवस के मौके पर जल शक्ति अभियान के तहत इस नदी के संरक्षण के कार्य की शुरुआत की गई. नदी में मनरेगा के तहत खुदाई का कार्य किया जाएगा, जिससे कि वर्षा के जल का नदी में संचय हो और एक बार फिर नदी किसानों के लिए जीवनदायिनी बन सके.



किसानों को होगा लाभ
कार्यक्रम में सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री ने नदियों के संरक्षण के लिए जल शक्ति अभियान चलाया है. विश्व जल दिवस के मौके पर इस अभियान के तहत नदी के संरक्षण का कार्य शुरू किया गया है. वहीं, जिलाधिकारी प्रियंका निरजंन ने बताया कि नून नदी के संरक्षण का कार्य शुरू किया गया है. जिसमें मनरेगा और जनसहयोग से दोबारा इस नदी में वापस जलधारा लौटेगी. इससे आसपास के इलाकों का वाटर लेवल भी बढ़ेगा और किसानों को भी लाभ पहुंचेगा.


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