जालौन: राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई में कोविड के मरीजों का बेहतर इलाज के हो सके इसके लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. वहीं डीएम प्रियंका निरंजन भी हर दूसरे दिन मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण कर रही हैं. लेकिन, मेडिकल कॉलेज की अव्यस्थाओ को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है. 


खुल रही है पोल
वैसे तो जिला प्रशासन राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की बात कर रहा है लेकिन वार्डो में भर्ती मरीज और उनके परिजन वीडियो के माध्यम से मेडिकल कॉलेज की अव्यस्थाओ को लेकर एक के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं. वायरल वीडियो में मेडिकल की अव्यस्थाओ के साथ ही जिला प्रशासन की लीपापोती की पोल खुलती नजर आ रही है. 


जमीन पर हो रहा है इलाज
मरीज कहीं ऑक्सीजन के लिए गुहार लगा रहे हैं तो कहीं बेड ना मिलने की वजह से जमीन पर ही उनका इलाज हो रहा है. आखिर ऐसे हालातों में जब देश ऑक्सीजन के विकराल संकट से गुजर रहा है तो वहीं जिला प्रशासन मेडिकल कॉलेज की बेहतर सुविधाओं का भरोसा दिलाते हुए कागजों में अपनी बाजीगरी करते हुए दिखाई दे रहे हैं. 


कई मरीजों की हुई है मौत
करीब पिछले तीन हफ्तों से लोग कोरोना संक्रमण से तो जूझ ही रहे हैं इसके साथ ही लोग ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाइयों के लिए भी दर-दर भटक रहे हैं. मदद ना मिलने के अभाव में कई मरीजों की मौत भी हुई है. मेडिकल कॉलेज में फैली अव्यस्थाओ को उजागर करने के लिए मरीज और उनके परिजन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर रहे हैं. 


सोशल मीडिया का ले रहे हैं सहारा 
बता दें कि, जालौन मेडिकल कॉलेज उरई में सब कुछ चंगा हैं लेकिन फिर भी वार्डों में भर्ती मरीज अपनी आपबीती सोशल मीडिया के माध्यम से बयां कर रहे हैं. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब मेडिकल में सब कुछ "ऑल इज वेल" है तो अव्यस्थाओं को लेकर वीडियो क्यों वायरल किए जा रहे हैं. आखिर मेडिकल कॉलेज में ऐसी कौन सी कमी है जिसे मरीज सरकार को बताने में लगे हुए हैं और प्रशासन इस पर पर्दा डालने में जुटा हुआ है. 


पर्याप्त मात्रा में है ऑक्सीजन
वहीं, डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया है. जिसमें आइसोलेशन वार्ड से लेकर आईसीयू वार्डो का जायजा लिया है. मरीजों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर हैं. बल्कि हर मरीज पर दो सिलेंडर उपलब्ध हैं. लेकिन, अटेंडेंट ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर संशय में हैं. जबकि, वार्ड में अटेंडेंट को जाने की अनुमति नहीं है और पता नही लोग क्यों सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर रहे है जबकि ऑक्सीजन पर्याप्त है. 


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