जालौन: कोरोना काल में शासन का आदेश मिलने के बाद मई महीने में पैरोल पर छोड़े गए बंदियों की जेल में वापसी का फरमान आ चुका था. 21 नवंबर से 23 नवंबर के बीच में जेल में आमद कराने की समयावधि सोमवार को पूरी जरूरी हो गई. लेकिन, जालौन की जिला कारागार उरई से अब तक पैरोल पर रिहा हुए कुल 44 बंदियों में से महज 29 ने ही आमद करायी है. इस तरह जालौन की उरई जेल से पैरोल पर रिहा 15 बंदियों की जेल में वापसी का इंतजार है.
बंदियों को सूचित किया जा चुका है
जेल प्रशासन की ओर से सभी पैरोल पर रिहा बंदियों को सूचित किया जा चुका है. निर्धारित समयावधि में जिन कैदियों ने आमद नहीं कराई उनके खिलाफ फरारी और हाजिरी के लिए संबंधित जिलों के एसपी, एसएसपी और मजिस्ट्रेट को पत्र भेजकर इनकी हाजिरी सुनिश्चित कराने को कहा गया है.
29 कैदियों ने कराई आमद
बता दें कि, कोरोना संक्रमण के दौरान उरई जिला जेल में बंद 44 बंदियों को न्यायालय के जरिए मई से लेकर जुलाई के मध्य में जेल से पैरोल पर रिहा कर दिया गया था. कोरोना संक्रमण जैसे-जैसे बढ़ा इन कैदियों की पैरोल भी बढ़ती गई. दो बार आठ-आठ हफ्ते की पैरोल बढ़ी. 20 नवंबर को शासन से आदेश आया कि पैरोल पर रिहा बंदियों को तीन दिन के अंदर वापस जेल लाया जाए. इसके बाद जेल प्रशासन की ओर से सभी 44 कैदियों को फोन और अन्य संसाधनों के जरिए सूचित करके 21 से 23 नवंबर के बीच जेल में आमद कराने को कहा था. लेकिन, पैरोल पर रिहा कैदियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है. जिसका नतीजा ये है कि तीन दिन की तय समयावधि बीतने के बाद मात्र 29 कैदियों ने ही अब तक जेल में आमद कराई है.
जिलों के एसपी और थानों को दी गई सूचना
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि 44 बंदी पैरोल पर छोड़े गए थे. जिनमें 29 कैदी जेल लौट चुके है. अन्य कैदियों के लिए संबंधित जिलों के एसपी और थानों में सूचित कर दिया गया है.
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