जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन में मंगलवार को अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला. यहां सत्तापक्ष के सदर विधायक उरई गौरी शंकर वर्मा के प्रतिनिधि तहसीलदार कोंच के कार्यों से नाराज होकर धरने पर बैठ गए. उनके साथ बजरंग दल और भाजपा कार्यकर्ता भी तहसीलदार के खिलाफ कोंच तहसील परिसर में धरने पर बैठे गए और तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी की. सदर विधायक प्रतिनिधि सुनील कांत तिवारी ने तहसीलदार की तरफ से सवर्णों के 10 प्रतिशत आरक्षण के सर्टिफिकेट न बनाने का भी आरोप लगाया.
तहसीलदार के खिलाफ की नारेबाजी
पूरा मामला जालौन की कोंच तहसील का है. जहां सदर विधायक उरई के प्रतिनिधि सुनील कांत तिवारी के साथ बीजेपी कार्यकर्ता तहसील परिसर में ही दरी बिछाकर तहसीलदार के खिलाफ धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की.
योजनाओं को आम नागरिक तक नहीं पहुंचने देते अधिकारी
विधायक प्रतिनिधि ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री ने गरीब सवर्णो के लिए और गरीब छात्रों के लिए विभिन्न शिक्षा संस्थाओ में 10 प्रतिशत आरक्षण इडब्लूएस कोटा के तहत दिया है, जिसके लिए एक इडब्लूएस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है. ऐसे अधिकारी जो सरकार की योजनाओं को आम नागरिक तक नहीं पहुंचने देते हैं वो समाजविरोधी और पार्टी विरोधी अधिकारी हैं. ऐसे अधिकारी पार्टी और सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं.
कागजों की कमी के चलते नहीं बना सर्टिफिकेट
वहीं, इस मामले पर तहसीलदार कोंच ने बताया कि इडब्लूएस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था, जिसमें कुछ कागजों की कमी के चलते उनका सर्टिफिकेट नहीं बन सका. जब कागज मांगे गए तो महोदय धरने पर बैठ गए. जो आरोप इडब्लूएस सर्टिफिकेट न बनने के लगाए जा रहे है वो निराधार है. 59 पात्रो के सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं.
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