Russia Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध में कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जिसमें जालौन की दो बेटियां और एक युवक भी इस हमले के बाद वहां फंस कर रह गये हैं, जिनकी सलामती के लिए उनके परिजन प्रार्थना कर रहे हैं. जालौन जनपद के शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव की तीन बेटियां अंकुरीति, आकृति और संस्कृति हैं. शैलेंद्र ने अपनी बेटियों की अच्छे से परिवरिश करके अच्छी शिक्षा दी, जिसमें उन्होंने दूसरे नंबर की बेटी आकृति चित्रांश के ख्वाब को पूरा करने के लिए यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए भेजा. जहां इस समय आकृति यूक्रेन के कीव शहर के बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल कॉलेज में थर्ड ईयर की स्टूडेंट हैं. जब से रूस और यूक्रेन में तनातनी शुरू हुई तभी से शैलेंद्र और उनकी पत्नी पूनम श्रीवास्तव आकृति चित्रांश को लेकर परेशान हैं.


पिता शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि अगर गुरुवार सुबह यूक्रेन पर रुस हमला ना करता तो उनकी बेटी आकृति भारत से भेजी गई फ्लाइट से वापस आ जाती. हमले की वजह से फ्लाइट रास्ते से ही वापस लौट आई, जिसका उन्हें बेहद ही अफसोस है और परिवार के लोग विदेश मंत्रालय और देश के प्रधानमंत्री से यही गुजारिश कर रहे हैं कि उनकी बेटी ही नहीं बल्कि बाकी बच्चों को भी वहां से सही सलामत वापस लाया जाए.


जानें- छात्रों के परिवार वालों ने क्या कहा?


जालौन में बजाज ऑटो एजेंसी चलाने वाले राम कुमार गुप्ता का पुत्र विकास गुप्ता यूक्रेन की नेशनल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, जिनका इस समय थर्ड ईयर चल रहा है. यूक्रेन में हुए हमले के बाद से उनके परिजनों का बुरा हाल है. मां मीरा गुप्ता भगवान से प्रार्थना करने में जुटी हुई हैं. परिजनों ने जब विकास से बात की तो उन्होंने सिर्फ इतना बोला कि फिलहाल हम लोग सुरक्षित हैं पर लगातार हो रहे धमाकों से वह लोग दहशत में हैं.


जालौन के मोहल्ला रापटगंज निवासी राघवेंद्र सिंह यादव की बेटी छाया यादव यूक्रेन के दिन नीतियां यूनिवर्सिटी में मेडिकल की थर्ड ईयर की छात्रा है, जिसके वहां फंस जाने से मां सहित बाकी परिवार के लोग परेशान हैं. लगातार हो रहे हमलों के बीच जब छाया से परिजनों ने बात की तो उसने सिर्फ इतना बताया कि फिलहाल वह अपने साथियों के साथ हॉस्टल के बेसमेंट में छिपी हुई है. हॉस्टल के संचालक और अन्य लोगों ने आश्वासन दिया है कि मौका मिलते ही उन लोगों को दूसरे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा.




एट के पूर्व प्रधान मैथिलीशरण दीक्षित का परिवार यूक्रेन में हुए हमले को लेकर परेशान हैं. इनके पुत्र के दोनों बेटे अक्षत और आर्यन 22 जनवरी को ही यूक्रेन में बिगड़ते देख वापस आ गये थे. पूर्व प्रधान मैथिलीशरण दीक्षित के नाती अक्षत और आर्यन यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे, जिसमें अक्षत का पांचवा वर्ष, जबकि आर्यन का दूसरा साल है. यूक्रेन में हुए हमले को लेकर आर्यन और अक्षत वहां फंसे अपने साथियों को लेकर परेशान हैं. दोनों ने ही गुरुवार सुबह ही जानकारी लगते ही यूक्रेन में फंसे अपने दोस्तों से बातचीत की, जिसमें अक्षत ने बताया कि वह लोग वहां के हालात को भांप गए थे और फिर उनके पेपर भी हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने यूक्रेन में रहना मुनासिब न समझा और वहां से फ्लाइट की टिकट कराकर सकुशल वापस लौट आए. अक्षत और आर्यन ने बताया कि गुरुवार सुबह यूक्रेन के खार कीव में हुए बड़े ब्लास्ट के बाद उनके वहां फंसे हुए काफी दहशत में है. उनकी सरकार से गुजारिश है कि उनके सभी साथियों और अन्य लोगों को सकुशल निकाल लिया जाए.


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