Uttar Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और राजस्थान (Rajasthan) के बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद जालौन के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं. वहीं संपर्क मार्ग भी टूट चुके हैं और लोग अपने घरों में कैद हैं. प्रशासन लोगों की मदद के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है. राहत शिविर बनाए गए हैं और लोगों तक राहत पहुंचाई जा रही है. अधिकारी पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं लेकिन जलस्तर बढ़ने से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. बता दें कि यमुना, पहुज और सिंध नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में पानी भर गया है. पट्टी के गांव के लोगों में बाढ़ के खतरे की दहशत है. ग्रामीणों की सैकड़ों बीघा फसल डूब गई है. कई गांवों का संपर्क टूट गया है. 


तेजी से बढ़ रहा जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक जलस्तर में 15 से 20 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोत्तरी हो रही है. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. जालौन के गांव सिमरा, दहेलखंड, उरकरा, मंगरौल, हीरापुर, देवकली, मैनूपुर, गुढा, शेखपुर बुल्दा, गुलौली, सुरौली, रायड के ग्रामीणों में दहशत है. लोग रात भर जागकर जलस्तर पर नजर रख रहे हैं. क्षेत्र की सभी बाढ़ चौकियां अलर्ट पर हैं. दर्जनों गांवों से संपर्क टूट गया है. नाव से आवागमन हो रहा है.


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जिला प्रशासन अलर्ट पर
कालपी-मंगरौल रोड पर आवागमन ठप है. जोधर रपटे के पास यमुना सड़क से एक मीटर ऊपर बह रही है. वहीं, जालौन के रामपुरा क्षेत्र में चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से निनावली जागीर, कूसेपुरा, किशनपुरा, नरौल, बिल्लौर, जखेता, हुकमपुरा, जायघा, मुहब्बतपुरा, कर्रा गांव के किनारे बाढ़ का पानी पहुंच गया है. इसकी वजह से कई गांवों में पानी भरने लगा है, इस कारण संपर्क मार्ग टूट गए हैं. कदौरा क्षेत्र के इकौना गांव में पानी बढ़ने से गांव गिर चुका है. गांव का ब्लॉक मुख्यालय से संपर्क कट चुका है. लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं. राहत के लिए जिला प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा है.




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