जालौन: गाय के गोबर से दीये और गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाएं तैयार कर रही हैं महिलाएं, बाजार में है डिमांड
जालौन में महिलाएं गाय के गोबर से दीपक और गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाएं तैयार कर रहीं हैं. महिलाएं इससे न सिर्फ अपनी आमदनी कर रहीं हैं, बल्कि दर्जनों महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार भी दे रही हैं.
जालौन: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है. जालौन में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं दीपावली को लेकर गाय के गोबर से दीये और गणेश लक्ष्मी की आकर्षक प्रतिमाएं तैयार कर रहीं हैं. इन प्रतिमाओं की बाजार में अभी से काफी डिमांड है. समूह की महिलाएं इससे न सिर्फ अपनी आमदनी कर रहीं हैं, बल्कि दर्जनों महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार भी दे रही हैं.
अन्य महिलाओं को दे रही हैं प्रशिक्षण जालौन के मुख्यालय उरई में संचालित स्वदेशी भारत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं गाय के गोबर से दीपक और गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाएं तैयार कर रहीं हैं. इन्हें बनाने के लिए महिलाएं गाय के सूखे गोबर को हाथ और मशीन के जरिए चूर्ण के रूप में तैयार करती हैं. जिसके बाद इसे गीला कर सांचो में ढाल दिया जाता है, इसके बाद आकर्षक दिए और प्रतिमाएं तैयार हो जातीं हैं. इस काम से जुड़ी दर्जनों महिलाओ को अब तक रोजगार मिला है. इसके अलावा अब ये महिलाएं गांव-गांव जाकर अन्य समूहों की महिलाओं को प्रशिक्षण दे रहीं हैं. महिलाओं की तरफ से तैयार किए गए दियों और प्रतिमाओं की अभी से बाजार में मांग है. महिलाएं प्रतिदिन हजारों की संख्या में दीपक तैयार कर रहीं हैं.
महिलाओं को मिला रोजगार स्वदेशी भारत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि समूह से जुड़कर उन्होंने कई स्वदेशी आइटम तैयार किए हैं. इस बार वो गोबर से निर्मित दीपक और प्रतिमाएं तैयार कर रहीं हैं. इससे उन्हें रोजगार मिला है, साथ ही वो अपने परिवार का भरण-पोषण भी कर रहीं हैं.
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