Sambhal Violence Update: संभल में बीते दिनों शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा फैल गई थी. इस घटना में पुलिस अधिकारियों समेत कई लोग घायल हो गए थे. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई. जमीयत उलमा-ए-हिंद ने गुरुवार (28 नवंबर) को इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच- पांच लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया.
जमीयत उलमा-ए-हिंद की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में संभल हिंसा में मारे गए लोगों को शहीद बताया गया है. जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमदू मदनी ने अमरोहा में संभल के जिम्मेदारों के साथ बैठक की. इस मीटिंग में जमीयत उलमा ए हिन्द के संभल, अमरोहा और मुरादाबाद के पदाधिकारी शामिल हुए.
न्याय के लिए हर स्तर पर करेंगे संघर्ष
जारी प्रेस रीजिल में जमीयत उलमा ए हिन्द ने आरोप लगाया है कि पुलिस प्रशासन के जरिये जो अमानवीय कृत्य किया गया है, वह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है. हम न्याय के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे और पीड़ित और निर्दोष लोगों को इंसाफ दिलायेंगे.
रिलीफ और कानूनी कमेटी गठित
रजकपुर अमरोहा में हुई बैठक के दौरान मौलाना महमूद मदनी ने कहा, "इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे, इसके अलावा घायलों के इलाज के लिए उचित प्रबंध किया जाएगा." जमीयत उलमा ए हिंद ने इसके लिए एक रिलीफ कमेटी और कानूनी कमेटी का गठन किया है.
मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में जमीयत उलमा ए हिंद का एक प्रतिनिधिमंडल हिंसा में घायल लोगों के परिजनों से मुलाकात करने टीएमयू यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल पहुंचा. इस मौके पर मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने आरोप लगाया कि घायल होने के बावजूद पुलिस ने पीड़ितों के पांव में बेड़िया डाली हुई हैं.
'बयान बदलने का पुलिस बना रही दबाव'
मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने दावा किया कि हमें सूचना मिली है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन हिंसा में घायल और गिरफ्तार लोगों पर दबाव बना रही है कि वह अपना बयान बदल दें. इसमें बताया गया कि हिंसा में तीन घायलों के कंधे में गोली लगी है. जिनका पुलिस की सख्त निगरानी में इलाज चल रहा है. घायलों में एक युवक मोहम्मद हसन के पिता की लगभग तीन हफ्ते पहले मौत हो गई है.
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