UP News: 'जो मस्जिद मंदिर को तोड़ कर बनाई जाए वो कबूल नहीं', जमीयत उलेमा हिंद की मीटिंग में बोले मौलाना अरशद मदनी
Lucknow News: मौलाना अरशद मदनी ने मदरसों की जांच पर कहा जो मदरसे सरकारी पैसा खा रहें उनकी जांच हो रही है, विदेशों से फंडिंग कहां हो रही इसका सबूत दें. उन्होंने कहा हिंदुस्तान में पैसे की कमी नहीं है.
UP News: जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने जमीयत उलेमा की मीटिंग में कहा कि कोर्ट ने भी माना मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी. कोर्ट के फैसले से साबित हुआ है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई लेकिन मस्जिद तोड़कर मंदिर बन रहा है. अयोध्या में हम 50 साल से लड़ रहे थे, हम कामयाब हैं कोर्ट ने माना है मस्जिद अपनी जगह है. जो मस्जिद मन्दिर को तोड़ कर बनाई जाएगी वो कबूल नहीं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आस्था की बुनियाद पर फैसला दिया गया है.
वहीं हलाल प्रोडक्ट पर अरशद मदनी ने कहा कि यूपी में एक भी हलाल सर्टीफाइड मरकज हो तो बताएं. मदरसों की जांच पर उन्होंने कहा कि जो मदरसे सरकारी पैसा खा रहें उनकी जांच हो रही है. विदेशों से फंडिंग कहां हो रही इसका सबूत दें. हिंदुस्तान में पैसे की कमी नहीं है यहीं से फंडिंग हो रही है. देश की आजादी के बाद हमने फैसला किया की सियासत में शामिल होना हमारा लक्ष्य नहीं, गुलामी से देश को बचाना जमीयत का मकसद था. हम मुल्क और मुसलमान के मसले और किस तरह देश की संप्रदियकता को बचाया जाए, हम इसके लिए काम करते हैं.
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा मुल्क के अंदर ये मुल्क की बदकिस्मती है कि फिरकापरस्त का नजरिया जो आजादी के बाद पैदा हुआ और बढ़ता चला गया. आजादी से पहले देश का ये नजरिया नहीं था. इसी सरजमीं पर फांसी लटक कर देश को आजाद कराया. सांप्रदायिकता फैलाने वाली ताकत सब बर्बाद करने में लगी हुई हैं.आप दुनिया में जाए और देखें की लोग किस तरह रहते हैं, हमारे देश में हर जगह के लोग और एक ही सूरत के हैं. आप कहीं चले जाए भारत में हर राज्य के लोग एक ही जैसे हैं. एक ही मां बाप की औलाद हैं, एक ही देश के रहने वाले लोगों का दिल तोड़ दिया और ये मानसिकता देश की जड़ों को खोखला कर रही है.
अरशद मदनी ने कहा कि जब देश आजादी की तरफ चल रहा था तब देश के अंदर उसने फिरकावरीयत पैदा की और मुस्लिम लीग के दिमाग में बिठाया की हिंदू भाई हमसे अलग हैं. लेकिन जमीयत ए उलमा हिंद ने उनकी इस सोच को नहीं माना और नकार दिया. हम कहते थे की जब 1300 साल से हम हिंदू मुस्लिम साथ रहते आए हैं तो अब कौनसी ऐसी बात हो गई की हम अलग हो जाएं. हमारे पूर्वज इसी देश में रहे और यहीं दफन हुए. हमने तय किया की मुल्क नफरत और दुश्मनी से नहीं चलेगा.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा हमने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस और इस जलसे में आपको किसी एजेंडा के लिए नहीं भाई चारे के संदेश के लिए बुलाया. हमारी इस बैठक का पैगाम प्यार मोहब्बत और आपसी भाई चारे का हमारा कोई राजनीतिक मैसेज नहीं है और ना हम चुनाव लड़ते हैं और ना चुनाव लड़ाते हैं. हर तरह की तालीम जरूरी है, दुनिया की तालीम के लिए दुनिया तालीम स्कूल कॉलेज बहुत जरूरी है. मरने के बाद अखिरत के किए दिन की तालीम मदरसा भी जरूरी है, हमने आजादी के बाद से ही स्कूल की पढ़ाई को बढ़ावा दिया.
आज तक कुरान हदीस में लव जिहाद नहीं पढ़ा
अरशद मदनी ने कहा दीनी तालीम का समय स्कूल के बाद रखने का सुझाव दिया ताकि बच्चा दोनों ही शिक्षा ग्रहण कर सके, हमने तो ये तक कहा की नए स्कूल बनाए जाएं. हमसे कहा जाता की हम लव जिहाद करते हैं हमारी उम्र 80 साल से ज्यादा हो गया हमने आज तक कुरान हदीस में लव जिहाद नहीं पढ़ा. नफरत फैलाने के लिए लव जिहाद का इश्यू बनाया गया और इसलिए हम कहते हैं कि बच्चियों के लिए अलग स्कूल खोलें जिसमे न मुस्लिम लड़का पढ़े और न हिंदू लड़का पढ़े. मुसलमान के पास पैसे की कमी है लेकिन एहसास की कमी नहीं है.
मदरसे की तर्ज पर खुलेगी लॉ कॉलेज
वहीं अरशद मदनी ने कहा मैंने बच्चियों के लिए पहले B.ed कॉलेज खोला और मैं अब लॉ कॉलेज खोलने जा रहा हूं. मदरसे की तर्ज पर जिसमें मदरसे की तरह मुफ्त तालीम, मुफ्त खाना और मुफ्त रहने की सुविधा देंगे. हम गरीब से गरीब को मुफ्त शिक्षा देंगे चाहे फिर वो हिंदू हों या मुस्लिम. हम उन गरीब लोगों के लिए अदालतों में लड़ते हैं जिनपर दहशतगर्द का इल्जाम है और क्या पुलिस जो कहती है वही सच होता या फिर देश की अदालत? अगर देश की अदालत सजा देती है तो हमे मंजूर है. हमने केस लड़ा जिसमें गुजरात कोर्ट और हाई कोर्ट ने उन 7 लोगों को फांसी की सजा दी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया.