Sanatana Dharma Remark: सनातन धर्म पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन की आपत्तिजनक टिप्पणी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जमीयत उलेमा ए हिन्द ने उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को दिए गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. जमीयत उलेमा ए हिन्द का कहना है कि 'यह देश के बहुसंख्यकों की धार्मिक आस्था और मान्यता पर हमला है, हम इसकी निंदा करते हैं.'
जमीयत उलेमा ए हिन्द के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी का कहना है कि 'इस बयान के ज़रिए देश के बहुसंख्यकों को निशाना बनाया गया है, लेकिन हम यह कहना चाहते हैं कि नुंह हिंसा के बाद देश के एक बड़े वर्ग ने मुसलमानों की धार्मिक आस्था को निशाना बनाया था और यह कहा था कि यह धर्म ही आतंकवाद को बढ़ावा देता है. भारत के मुसलमान इस तरह के धार्मिक हमलों को झेलता रहता है और उसके दर्द तकलीफ और परेशानी को खूब समझता है क्योंकि जिसके मुंह में जो कुछ आता है वह धर्म को लेकर अपना ज्ञान बांट देता है.'
समझ सकते हैं बहुसंख्यकों की पीड़ा
मौलाना काब रशीदी के अनुसार 'जिस तरह आज बहुसंख्यकों को दुःख और पीड़ा है, हमें भी इसकी पीड़ा है और हम उनके साथ खड़े हैं. ऐसे ही जब दूसरे धर्म के लोगों के साथ यह होता है तो उन्हें भी दर्द और पीड़ा होती है. भारत धार्मिक संस्कृति और आर्थिक विभिन्नताओं में एकता का प्रतीक है. यहां किसी भी रूप में किसी भी धर्म को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. इसीलिए हमने उत्तराखंड में जब मुसलमानों को उजाड़ जा रहा था तो उसका विरोध किया था और जोशीमठ में जब सरकारी योजनाओं की लापरवाही की वजह से लोगों को बेघर किया जा रहा था, तो हमने उसका भी विरोध किया था.'
संगठन के अनुसार धर्म की बुनियाद पर आपदा को नहीं बांटा जा सकता है. इसलिए वह उदयनिधि स्टालिन के बयान की निंदा करते हैं. हम इस अवसर पर उस तकलीफ का एहसास करना चाहते हैं जो हर महीने और हर हफ्ते मुसलमान इस देश में सहते हैं, जब उनके धर्म पर कोई व्यक्ति इस तरह का हमला करता है. हर धर्म की अपनी-अपनी मान्यताएं और आस्थाएं होती हैं अगर आप किसी एक धर्म को निशाना बनाओगे उस पर हमला करोगे तो फिर क्रिया की प्रतिक्रिया होगी. इसलिए किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह के बयान किसी भी पार्टी को शोभा नहीं देते हैं.
बेरोजगारी और महंगाई पर होनी चाहिए चर्चा
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अखंड भारत वाले बयान पर जमीयत उलेमा ए हिंद का कहना है कि 'हम पहले से ही धर्म के आधार पर बनने वाले देश के खिलाफ हैं और भारत का मुसलमान मौलाना आजद और मौलाना मदनी के साथ है. वह हमेशा से अखण्ड भारत की परिकल्पना करता रहा है.' उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग करने में भी भारत के मुसलमानों का बहुत बड़ा योगदान है.
मौलाना रशीदी ने कहा कि 'जो लोग अखंड भारत की मांग कर रहे हैं. वह कितने सक्षम हैं यह देखना होगा. उसके बाद ही इस पर कोई और टिप्पणी की जाएगी. फिलहाल देश में बेरोजगारी और महंगाई और आर्थिक नीतियों पर चर्चा होनी चाहिए.' मौलाना काब रशीदी ने कहा कि 'भारत G-20 सम्मेलन की मेहमान नवाजी कर रहा है. यह हर भारतीय के लिए गौरव की बात है. इस अवसर पर भारत अपनी हजारों साल पुरानी संस्कृति और कला को पूरी दुनिया के सामने पेश कर रहा है. इस पर हर भारतीय को खुश होना चाहिये. यह हमारे गर्व और सम्मान का अवसर है और इस अवसर पर यहां आने वाले हर मेहमान का हमें स्वागत और सम्मान करना चाहिए.'