Jamiat Ulema-e-Hind on Manipur: मणिपुर में एक विशेष समुदाय की लड़कियों के साथ हुई जघन्य अपराधिक घटना और मणिपुर हिंसा को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिन्द का बयान सामने आया है. यूपी जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने मुरादाबाद में प्रेस कांफ्रेंस कर मणिपुर हिंसा के लिए मणिपुर सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि देश में अल्पसंख्यकों पर अत्त्याचार हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर सरकार एक विशेष समुदाय के लिए काम कर रही है और सत्ता में बैठे लोग उन लोगो पर अन्याय कर रहे हैं जो सत्ता में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मणिपुर में मानव अधिकारों का हनन हो रहा है जो भारतीय लोकतंत्र पर एक प्रश्न चिन्ह है. मणिपुर में 300 से अधिक चर्चों में आग लगा दी गई 4000 से अधिक बंदूकें और 60,000 से अधिक गोलियां लूट ली गईं. उन्होंने कहा कि लड़कियों पर हमला करने वालों को आतंकवादी घोषित किया जाना चाहिए लेकिन केंद्र और राज्य सरकार खामोश तमाशाई बनी हुई है और हिंसा रुक नहीं रही है. राष्ट्रपति शासन मणिपुर में तुरंत लगाया जाना चाहिए.


जमीयत उलमा ए हिंद यूपी के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र और राज्य की सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार अपने पूर्वोत्तर राज्यों के दौरों के रिकॉर्ड तोड़ने की बात कर रहे थे लेकिन जिस तरह से मणिपुर में हिंसा हो रही है और रुकने का नाम नहीं ले रही है. अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों के साथ जो अत्याचार हुआ उससे पूरी दुनिया में हमारा सर शर्म से झुक गया है पूरी दुनिया हम पर सवाल उठा रही है और मणिपुर सरकार में बैठे लोग एक समुदाय विशेष के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है जबकि भारत लोकतंत्र की जननी कहलाता है लेकिन जिस तरह से लगातार धार्मिक स्थलों को आग लगाई जा रही है और अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां भी मानव अधिकारों का हनन होगा जमीयत उलमा ए हिंद पीड़ितों के साथ खड़ी होगी और उनके इंसाफ की लड़ाई लड़ी जाएगी. 


मौलाना काब रशीदी ने आगे कहा कि इससे पहले भी मणिपुर में कांग्रेस सरकार के समय में हिंसा हुई थी तब 10 दिन के अंदर मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा ले लिया गया था और हिंसा को काबू में कर लिया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि अटल बिहारी वाजपेई के प्रधानमंत्री रहते हुए जब मणिपुर में हिंसा हुई थी तो उन्होंने भी सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और सभी दलों के साथ विचार-विमर्श कर हिंसा को रोका गया था. लेकिन इस बार 2 महीने से अधिक का समय हो चुका है और सरकार हिंसा को रोकने में नाकाम साबित हुई है. इसलिए मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए और सेना के हवाले मणिपुर को कर देना चाहिए ताकि वहां पर शांति बहाल हो सके. मौलाना काब रसीदी ने कहा कि मणिपुर की घटना को राजस्थान और पश्चिम बंगाल या किसी अन्य राज्य की घटना से जोड़कर देखना बिल्कुल गलत है. क्योंकि मणिपुर में जिस तरह की हिंसा हो रही है और जिस तरह वहां पर गिरजाघरों को आग लगाई गई और कुकी समुदाय की लड़कियों के साथ अत्याचार हुआ. उन्हें नंगा करके उनकी परेड कराई गई यह मानवता के लिए एक कलंक है. इसलिए मणिपुर के मुख्यमंत्री को तुरंत हटा देना चाहिए और वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए. उन्होंने देश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हम लोगों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है.


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