मेरठ: जमीयत ओपन स्कूल से मदरसा छात्रों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ऩे के लिए जमीयत उलमा हिंद ने पहल की है. इस के लिए NOS के साथ जमीयत ओपन स्कूल शुरु किया जाएगा.


ओपन स्कूल में हाईस्कूल तक की शिक्षा एनआईओएस (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग) के तहत दी जाएगी. मदरसों में ऑनलाइन क्लासें लगाई जाएंगी. जमीयत उलमा से संबद्ध कई शहरों के मदरसों के छात्रों को भी आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जाएगा.


प्रशिक्षण के लिये टीचरों को पुणे भेजा गया


इसकी कवायद शुरु हो चुकी है. जिस की घोषणा जमीयत उलमा हिंद के महासचिव महमूद मदनी ने की है और प्रशिक्षण के लिए मदरसे के टीचरों को भी पुणे भेजा गया है, जिसकी बाकायदा एक चिट्ठी भी मदरसों को भेजी गई है.


50 हजार मदरसा छात्रों को जोड़ा जाएगा


इसके लिए मदरसा शिक्षकों को पुणे में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. देश भर में पहले चरण में 50 हजार मदरसा छात्रों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जाएगा. ऑनलाइन क्लास के माध्यम से प्रसारित होने वाले शैक्षिक कार्यक्रमों की भी व्यवस्था रहेगी. जमीयत ओपन स्कूल के तहत मदरसा छात्रों के लिए प्रतिदिन ऑनलाइन कक्षाएं लगेंगी.


छात्रों में उत्साह


मदरसों में दीनी शिक्षा के साथ-साथ अब आधुनिक शिक्षा भी दी जाएगी, जिसमें कंप्यूटर क्लासेस भी होंगी और अलग-अलग विषय की भी क्लासेस लगाई जाएंगी. जमात उलमा ए हिंद के इस फैसले से मदरसे के पढ़ने वाले बच्चे भी बहुत खुश हैं. उनका कहना है कि, इस पढ़ाई से अब वह आगे की पढ़ाई भी कर सकेंगे और डॉक्टर इंजीनियर और बहुत सारे कोर्स करने का भी रास्ता उनको मिलेगा. उनका कहना है कि, वह धन्यवाद देते हैं. इस बात के लिए कि अब मदरसों में आधुनिक शिक्षा दी जाएगी.


मदरसा छात्रा 10वीं कक्षा की परीक्षा एनआइओएस के माध्यम से देंगे. जमीयत उलमा हिंद आगामी शैक्षणिक सत्र से ही इसकी शुरुआत करेगा. मेरठ के मदरसा चलाने वाले मौलाना मोहम्मद रिज़वान और मुफ़्ती सय्यद अहमद क़ासमी का कहना है कि जमीयत उलमा हिंद ने जमीयत ओपन स्कूल के तहत मदरसों के छात्रों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की पहल की गई है.


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