जम्मू कश्मीर के बुधल क्षेत्र में 17 लोगों की रहस्यमयी मौत, AMU के कश्मीरी छात्रों ने केंद्र सरकार से की जांच की मांग
Aligarh News: `अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले जम्मू कश्मीर के छात्रों ने लंबे समय से एक ही गांव में मौत होने के कारण राज्य सरकार और केंद्र सरकार से जांच की मांग की है.

Aligarh News: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले जम्मू कश्मीर के छात्रों के द्वारा अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. छात्रों का कहना है लंबे समय से एक ही गांव में हर रोज मौत हो रही है जिसको लेकर जम्मू कश्मीर व केंद्र की सरकार के द्वारा कोई बड़ी पहल नहीं की गई है, जिसके चलते यहां के लोग हर रोज मौत के आगोश में समा रहे हैं. आखिर क्या वजह है कि यहां हर रोज मौत हो रही है.
इसको लेकर एक जांच कमेटी बनानी चाहिए जिसको लेकर छात्रों के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के नाम डिप्टी प्रोक्टर सय्यद अली नवाज जैदी को ज्ञापन सौंपते हुए कैंडल मार्च निकाला है. छात्रों का कहना है कि जम्मू और कश्मीर में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है, जिसके चलते जम्मू कश्मीर के बीमार लोगों को चंडीगढ़ में भर्ती करना पड़ा था, जो कि स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को उजागर करता है. जिसको लेकर छात्र नेताओं के द्वारा जम्मू कश्मीर सरकार व केंद्र की सरकार पर निशाना साधते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने व 17 लोगों की मौत के जिम्मेदारों पर कार्यवाही की मांग की है.
छात्रों ने राष्ट्रपति के नाम पर मेमोरेंडम यूनिवर्सिटी प्रॉक्टर को दिया
दरअसल पूरा मामला जिला अलीगढ़ के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का है, जहां जम्मू एंड कश्मीर के बुधल क्षेत्र में हाल ही में हुई 17 रहस्यमय मौतों पर दुःख, व पीड़ित परिवारों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करने के लिए, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों ने एक शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकालकर राष्ट्रपति के नाम एक मेमोरेंडम यूनिवर्सिटी प्रॉक्टर को दिया.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पढ़ने वाले जम्मू और कश्मीर के छात्र, जम्मू और कश्मीर के बुधल क्षेत्र में 17 व्यक्तियों की दुखद और रहस्यमय मौतों पर गहरी पीड़ा के साथ यह मेमोरेंडम राष्ट्रपति के नाम यूनिवर्सिटी प्रॉक्टर को दिया है. एएमयू रिसर्च स्कॉलर ने बताया इन मौतों के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, जिससे प्रभावित समुदायों, विशेष रूप से पीर पंजाल क्षेत्र के आदिवासी निवासियों, जो मुख्य रूप से खानाबदोश पृष्ठभूमि से आते हैं, उनके बीच संकट और भय का माहौल है.
छात्रों ने खानाबदोश जनजातियों के लिए स्वास्थ्य बीमा की मांग की
एक उच्च-स्तरीय जांच इन असामयिक मौतों के पीछे के सटीक कारणों का पता लगाने और यदि कोई गड़बड़ी शामिल है, तो जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए एक निष्पक्ष और गहन जांच व शोक संतप्त परिवारों के लिए मुआवजा व प्रभावित परिवारों को उनके विनाशकारी नुकसान से उबरने में मदद करने के लिए पर्याप्त वित्तीय राहत दी जाने की मांग की गई है. साथ ही खानाबदोश जनजातियों के लिए स्वास्थ्य बीमा की मांग की गई है.
संकटों से बचाने के लिए मुफ़्त स्वास्थ्य सुविधाओं और बीमा देने की मांग की है, वहीं पीर पंजाल क्षेत्र के कई आदिवासी निवासियों को अनुचित प्रतिबंधों और मनमाने क्वारंटीन उपायों का सामना करना पड़ता है, जिससे सामाजिक और आर्थिक कठिनाइयां होती हैं. हम इन नीतियों की तत्काल समीक्षा करने का अनुरोध करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो.
छात्रों ने जम्मू कश्मीर सरकार से जांच की मांग की
कैंडल मार्च में शामिल एएमयू में शिक्षा हासिल करने वाले कश्मीरी छात्रों ने बताया पीर पंजाल के आदिवासी समुदाय लंबे समय से हाशिए पर हैं, बुनियादी स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कानूनी सुरक्षा तक उनकी पहुंच सीमित है. उपेक्षा और सक्रिय शासन की कमी के कारण उनकी दुर्दशा और भी बदतर हो गई है. यह जरूरी है कि भारत सरकार इस मानवीय संकट को दूर करने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाए. हमें न्याय और सभी नागरिकों के कल्याण के प्रति आपकी प्रतिबद्धता पर भरोसा है और उम्मीद है कि हमारी मांग पर आपको तत्काल ध्यान जाएगा.
जम्मू और कश्मीर के लोगों, विशेषकर खानाबदोश समुदायों को तत्काल राहत की आवश्यकता है और हम अनुरोध करते हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए. कश्मीरी छात्रों ने कहा हम कश्मीर की सरकार और केंद्रीय सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले की जांच कराई जाए और कश्मीर की सरकार से जो हमें उम्मीद थी वह हमारी उम्मीदों पर खड़ी नहीं उतर रही है. पता नहीं क्यों वह इस मामले की जांच नहीं करवा रही है.
छात्रों का कहना है कि हमें ऐसा लगता है कि कश्मीर की सरकार इसलिए तवज्जो नहीं दे रही है क्योंकि यह पिछड़ा इलाका है और 10 साल के बाद कश्मीर में निर्वाचित सरकार बनी है, जो उम्मीदें कश्मीर की जनता को सरकार से थी वह पूरा नहीं कर रही और कश्मीर के मुख्यमंत्री मौके पर जाती भी है तो वहां पर सिर्फ फोटो खिंचवा कर चले जाते है, शहीद लोगों को किसी तरह का कोई मुआवजा का ऐलान और मामले की जांच की भी बात नहीं करते हैं.
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