Rajouri Encounter: कश्मीर में शहीद हुए कानपुर के करण, बहनों के शादी की थी जिम्मेदारी, सदमें में मां, पार्थिव शरीर लाने पुंछ पहुंची पत्नी
कानपुर के शहीद करण सिंह यादव की पत्नी उनका पार्थिव शरीर लाने के लिए पुंछ पहुंच गई हैं. 21 दिसंबर को हुए आंतकी हमले में पांच सैनिकों के साथ करण सिंह यादव भी शहीद हुए थे.
Kanpur News: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान में पांच सैनिक शहीद हुए हैं. सेना के नगरोटा मुख्यालय वाली व्हाइट नाइट कोर ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक एक्स-पोस्ट हैंडल पर कहा, “कोर 21 दिसंबर 23 को सूरनकोट में आतंकवाद के संकट से लड़ते हुए चार सैनिकों की बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता है.” शहीद होने वालों में कानपुर के करण सिंह यादव भी हैं.
जम्मू-कश्मीर के पुंछ हमले में कानपुर के चौबेपुर के भाऊपुर गांव निवासी करण सिंह यादव शहीद हुए हैं. शहीद करण सिंह यादव के दो बच्चे हैं, बेटी 5 साल की तो वहीं बेटा डेढ़ा साल का है. बहनों को बेटियों की तरह प्यार करने वाले करण ने एक बहन की शादी कर दी थी. अब फरवरी में लौट कर बाकी दो बहनों की शादी की जल्दी तैयारी करने वाले थे.
लेकिन जैसे ही करण सिंह यादव के शहीद होने के खबर परिवार तक पहुंची पूरे गांव में फैसल गई. बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मां अब भी सदमें में है, उन्हें यकीन है कि बेटा अब भी वापस आएगा. शहीद की पत्नी पार्थिव शरीर लेने पुंछ गई है. शहीद के पिता का कहना है कि घर में केवल करण ही कमाने वाला था, सबका ध्यान रखने वाला खुशमिजाज व्यक्ति अब नहीं रहा.
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आतंकवादियों के छिपे होने की थी जानकारी
सुरक्षा बलों ने सुरनकोट इलाके में आतंकवादियों के एक समूह के छिपे होने की खुफिया जानकारी के बाद संयुक्त अभियान शुरू किया था. बफलियाज़ में डेरा की गली (डीकेजी) क्षेत्र में एक जिप्सी और एक ट्रक सहित सेना के दो वाहन आतंकवादी गोलीबारी की चपेट में आ गए, जब ये वाहन सैनिकों को ऑपरेशन स्थल पर ले जा रहे थे.
आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच शुरुआती संपर्क में तीन जवान शहीद हो गए. बाद में, दो अन्य सैनिक ने गंभीर चोटों के कारण नजदीकी चिकित्सा सुविधा में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि हमले के दौरान सैनिकों और आतंकवादियों के बीच हाथापाई भी हुई. छिपे हुए आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन की निगरानी के लिए सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए. इस साल पुंछ जिले में यह दूसरी बड़ी घटना है.