Janmashtami 2023: मथुरा में धार्मिक सद्भावना की शानदार मिसाल, मुस्लिम कारीगर तैयार करते हैं राधा-कृष्ण की पोशाक
Janmashtami Kab Hai 2023: बाल गोपाल को पहनाए जाने वाले और श्रीकृष्ण के दरबार की शोभा बढ़ाने वाले वस्त्र ज़्यादातर मुस्लिम कारीगर तैयार करते हैं. उनका कहना है जन्माष्टमी के समय काम बढ़ जाता है.
Krishna Janmashtami 2023: भगवान श्री कृष्ण की नगरी में मुस्लिम कारीगर भाईचारे की मिसाल पेश करते हैं. बाल गोपाल का जन्मोत्सव मनाने के लिए दिन रात की मेहनत से राधा कृष्ण की पोशाक तैयार करते हैं. मुस्लिम कारीगर राधा-कृष्ण की पोशाक को बनाने का काम उत्साह और आनंद के साथ कई पीढ़ियों से करते चले आ रहे हैं. जन्माष्टमी से पहले मथुरा और वृंदावन के बाजारों में मुस्लिम कारीगरों के बनाए पोशाकों की कई डिजाइन देखने को मिल रही है. श्री कृष्ण के लिए जन्माष्टमी स्पेशल पोशाक की बेहद डिमांड है. मुस्लिम कारीगरों के बनाए पोशाक को देश-विदेश तक में पसंद किया जाता है. श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ कृष्ण जन्माष्टमी पर बाल गोपाल को पोशाक पहनाते हैं.
मुस्लिम कारीगर तैयार करते हैं राधा कृष्ण की पोशाक
कृष्ण जन्माष्टमी के समय मुस्लिम कारीगरों का काम काफी बढ़ जाता है. कारीगरों का कहना है कि पोशाक को तैयार करने में 4-5 दिन लग जाते हैं. बाल गोपाल को पहनाए जाने वाले और श्रीकृष्ण के दरबार की शोभा बढ़ाने वाले वस्त्र ज़्यादातर मुस्लिम कारीगर तैयार करते हैं. उन्होंने भेदभाव से इंकार किया है. मुसलमान भी बाल गोपाल के जन्मोत्सव में शामिल होते हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा और वृंदावन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है.
मथुरा और वृंदावन में भक्तों की उमड़ती है भारी भीड़
बाल गोपाल के जन्मोत्सव को मनाने की तैयारियां जोर शोर से हो रही हैं. भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को जन्माष्टमी भी कहा जाता है. जन्माष्टमी हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. श्रद्धालुओं को त्योहार का शिद्दत से इंतजार होता है. बच्चे-बूढ़े और जवान भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करते हैं. स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में कृष्ण लीला के लिए मंच सजता है. जन्माष्टमी पर व्रत रखने, पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने की परंपरा है. हर साल की तरह इस बार भी मथुरा में श्रीकृष्ण के प्रकट उत्सव को जबरदस्त तरीके से मनाने की तैयारी है.